30 सितंबर ,नई दिल्ली आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लखनऊ के सी बी आई कोर्ट के आए फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देने से इन्कार करते हुए कहा कि हमारा काम नहीं कि हम अदालतों के फैसले पर टीका टिप्पणी करें यह वकीलों का विषय है उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर इस फैसले पर बहस न करें इससे बचें।
हज़रत ने ख़ास तौर से मुस्लिम युवाओं से कहा कि यह सब्र और होशियारी का वक़्त है हमें किसी भी कीमत पर नफरत के कारोबारियों की चाल को कामयाब करने में मदद नहीं करनी है और अगर आप सोशल मीडिया के जरिए इस फैसले पर बात करते हैं तो हम उनके मददगार अनजाने में बन जाते हैं हमें खबर भी नहीं होती कि हम क्या कर रहे हैं और अपनी नासमझी के चलते हम जाल में फंस जाते हैं।
अभी मुल्क में जिस तरह कोरोना का कहर टूटा हुआ है,किसान सड़कों पर हैं नवजवान बेरोजगार हैं ऐसे में हमें इस फिजूल बहस से बचने की जरूरत है और अपने मुल्क की फिज़ा को बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे रहना है।अदालतों को अपना काम करना है और हम सबको अपना ,हमारा काम है मोहब्बत सबके लिए नफरत किसी से नहीं को आम करना,अगर हम अपना काम ईमानदारी से करेंगे तो बदलाव यकीनी है और इसी बदलाव में तरक्की की राह है।

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