ईमानदार और मेहनती हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तो आपकी क्या ज़रूरत ?

आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने लखनऊ के अपने कार्यालय में एक प्रेस वार्ता बुलाई इस प्रेस में ज़्यादातर सवाल तो सपा में वापसी पर ही पूछे गए और वहीं टका सा जवाब मिला कि हम विलय नहीं करेंगे अकेले लड़ेंगे 2022 का चुनाव ।

खैर यह सब तो होता ही है राजनीत जो है लेकिन इस प्रेस का कोई स्पष्ट उद्देश्य समझ नहीं आया ऐसा माना जा रहा था कि कोई बड़ा ऐलान होगा ,कोई आंदोलन शुरू करने की बात होगी मगर बात सिर्फ इतनी हुई की 2022 लक्ष्य है जो कुछ अटपटा सा लगा ।

प्रदेश में लगातार हो रही हत्याओं और बलात्कार की वारदातों पर भी उस प्रकार हमलावर नहीं दिखे शिवपाल जो चौंकाने वाला ज़रूर है ,इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बात खुल कर सामने आयी कि कहीं न कहीं उनके चारों ओर जो सलाहकार मंडल है या तो वह चूक कर रहा है या फिर कहीं कुछ और बात है इस पर विचार होना आवश्यक है।

प्रेस वार्ता में जब शिवपाल ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की बात शुरू की तो उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री को मेहनती और ईमानदार बताया और सीधे तौर पर उनपर हमलावर नहीं हुए और कानून व्यवस्था के लिए नौकरशाही को ज़िम्मेदार ठहराया जो कि अजीब सा लगा क्योंकि खुद शिवपाल भी सरकार में अहम पद पर रहे हैं और वह भलीभांति जानते हैं कि यदि सरकार का मुखिया सक्षम है तो नौकरशाही को सुधारा जा सकता है।

ऐसे में उनका यह कहना कि मुख्यमंत्री ईमानदार और मेहनती हैं तो फिर अगला सवाल यह है कि फिर किसी और की क्या ज़रूरत है? क्योंकि जनता को तो ईमानदार और मेहनती नेता ही चाहिए ।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अभी अपने प्रारंभिक दौर में है उसे अपने हर क़दम को फूंक फूंक कर रखना होगा ,वरना एक गलती आत्मघाती साबित होगी । उचित समय था सरकार को घेरने का क्योंकि संपूर्ण विपक्ष खामोश है लेकिन मौके का उपयोग न होना निराशाजनक है।

शिवपाल यादव को अपने चारो ओर ध्यान से देखना होगा कहीं अवसरवादी मानसिकता रखने वालों ने उन्हें घेरना शुरू तो नहीं कर दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here