एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम और उनके बेटे कार्ति चिदम्बरम की अंतरिम राहत रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 मई तक के लिए बढ़ा दी है. दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है. हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में ईडी को फटकार भी लगाया और कहा कि वे एक साल से सुनवाई को टालने का अनुरोध करते जा रहे हैं. अब इस मामले में 6 मई को दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी.
ईडी की तरफ़ से शुक्रवार को कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया गया. ईडी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि सिंगापुर और यूके में कुछ पत्र भेजे गए हैं और उनके जवाब का इंतजार है. इसके अलावा एजेंसी ने जांच के लिए अपनी टीम को फ़िलहाल सिंगापुर भी भेजा हुआ है. ईडी की तरफ से इस मामले में दोबारा 4 हफ्ते का वक्त कोर्ट से और मांगा गया. लेकिन कोर्ट ने ईडी को कहा कि इस मामले में पहले ही 1 साल से ऊपर का वह गुजर चुका है, लिहाजा बार-बार जांच एजेंसी इस मामले में और वक्त जाया ना करें. कोर्ट ने कहा किस मामले में हम 6 मई को दोबारा सुनवाई करेंगे.
स्पेशल जज ओपी सैनी की कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाते हुए कहा, ‘आप करीब एक साल से सुनवाई को टालने की मांग करते जा रहे हैं. क्या अब अगले हफ्ते से हम बहस शुरू कर सकते हैं?’ इसके जवाब में ईडी ने कहा कि पूरी जानकारी मिलने पर वह कोर्ट के सामने ठोस साक्ष्य और विवरण पेश कर सकता है. जज ने कहा, ‘मैं इस मामले में और सुस्ती की इजाजत नहीं दे सकता. आपको सुनवाई का सामना करना होगा. मैं इसकी इजाजत नहीं दे सकता कि यह मामला हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में रहे.’
ईडी ने नया हलफनामा दायर करते हुए कहा कि इस मामले में कई अन्य देशों में जांच की जरूरत है और ब्रिटेन तथा सिंगापुर को इसके लिए अनुरोध पत्र भी भेजा गया है. ब्रिटेन ने इसके बारे में 19 जनवरी को थोड़ी जानकारी दी थी, इस बारे में ब्रिटेन को फिर 25 मार्च और 15 अप्रैल, 2019 को अनुरोध भेजा गया है. सिंगापुर ने भी थोड़ी जानकारी दिसंबर, 2018 में दी है और उसे 27 मार्च, 2019 को फिर से अनुरोध भेजा गया है. सिंगापुर के प्रशासन ने 11 अप्रैल को एक लेटर भेजकर कुछ और विवरण मांगे हैं. जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है, इसलिए अग्रिम जमानत नहीं देनी चाहिए.
चिदम्बरम की तरफ से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी के पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है और वे बिना किसी जानकारी के दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ सीबीआई अब जांच नहीं कर रही, सिर्फ ईडी जांच कर रही है. हमें बख्श दिया जाए. पी चिदम्बरम से 2014 में पूछताछ की गई थी और तबसे अब तक पांच साल हो चुके हैं. चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, तो अब किस बात का इंतजार किया जा रहा है.’
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी इस मामले में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रहा है और सूचनाएं मीडिया को लीक की जा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘क्या यह संभव है कि पी. चिदम्बरम और कार्ति देश से गायब हो जाएं? दस्तावेज जब्त किए जा चुके हैं तो क्या गवाहों को धमकाना संभव है ? ईडी का दावा है कि हम सहयोग नहीं कर रहे, जबकि उनसे 10-10 घंटे तक पूछताछ की गई है. वे बिना इजाजत के यात्रा भी नहीं कर सकते. तो फिर जमानत देने से इंकार क्यों किया जा रहा है?
प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है कि किस प्रकार कथित रूप से कार्ति चिदंबरम ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी हासिल की, जब उनके पिता साल 2006 में केंद्रीय वित्त मंत्री थे.