आखिर भारत के प्रधानमंत्री जी कोई बात हवा में नहीं कहते जिसे विश्वास नहीं है वह जामिया की तस्वीरे देखे खुद समझ आ जायेगा ,झारखंड में चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री की टिप्पणी कपड़ों से पहचान होती है यूंही नहीं थी ,जब दिल्ली की सड़कों पर स्टूडेंट और आम नागरिक निकले तो उनमें कुछ कपड़े पहचान वाले थे जो जीन्स जूता स्वेटर के साथ हेलमेट के साथ पुलिस की जैकेट भी पहने थे ।
अब मैं यह नहीं कह रहा कि यह सब प्रधानमंत्री की पहचान वाले थे बल्कि इसे यूं समझिए कि इन्हें ही पहचानने की प्रतियोगिता हो रही थी कि देखें कौन कौन पहचान पाता है,कितने लोग पुलिस समझेंगे ,कितने प्रशासनिक अधिकारी,और कितने दंगाई ,में इनकी कोई पहचान आपको नहीं बता रहा हूं यह आपको खुद करना है आखिर खेलोगे तभी तो जीतोगे।

यह सिर्फ एक तस्वीर है ऐसी ही एक वीडियो भी राजस्थान के अलवर में थी जिसमें पहलू खान को कुछ लोग बर्बरता से पीट रहे थे लेकिन उनके कपड़ों से शायद पहचान हो गई हो कि वह निर्दोष हैं यह कमाल भी होता है आखिर पारखी नजर की बात है जो हर इंसान में नहीं पाई जाती इसके लिए एक विशेष प्रशिक्षण से गुजरना होता है।
आप मेरी बातों को बिल्कुल मत मानिए क्योंकि विज्ञान का सिद्धांत है कि विज्ञान आओ करके देखें याद तो होगा आपको आखिर बचपन में पढ़ा होगा।आतंकवादी कौन है इसकी एक पहचान बन चुकी है कपड़ों के आधार पर ,अब देश में अपराधी कपड़ों के आधार पर पहचाने जायेंगे ,देखिए कोई यह सवाल मत पूछे कि बलात्कारी की पहचान किस तरह के कपड़ों से होगी?

सवाल यह भी है राष्ट्रभक्त के कपड़े गोडसे जैसे होंगे? राष्ट्रद्रोही के गांधी जैसे क्या? क्योंकि देश के भूमिहीन ,गरीब,दलित के कपड़ों को क्या माना जायेगा? नागरिक को किस तरह के कपड़ों से पहचाना जायेगा यह भी देश पूछ रहा है,जिनके पास दस्तावेज़ नहीं हैं उनकी पहचान किन कपड़ों से होगी? अब देश में ईमानदार को किस तरह के कपड़ों से पहचाना जा येगा और बेईमान को किस कपड़े से?
भारत के कानून में इसको स्पष्ट किया जाना चाहिए कि क़ातिल को किस कपड़े से पहचानेगे?

प्रधानमंत्री जी अभी व्यस्त हैं उनके पास देश के विकास का बहुत काम है अगर झारखंड में बीजेपी नहीं जीती तो देश पिछड़ जायेगा लिहाज़ा अभी वहां भाषणों के कीटनाशक से फसल को तैयार कर रहे हैं ,ज़रा वहां से छुट्टी मिल जाए तो इसपर अपने पराकर्मी सेनापति से सलाह कर कपड़ों का रंग ढंग घोषित किया जाएगा शायद।

मै तो कहता हूं कि भ्रष्टाचारी का कपड़ा कैसा होगा यह भी बता दिया जाय ,बेरोजगार कैसे कपड़े पहनेंगे ,बीमार कैसे कपड़े पहनेंगे ,भिखारी क्या पहनेंगे यह सब एक कानून बना कर लागू किया जाना चाहिए।

चरित्रवान किस तरह के कपड़े पहनेंगे ,और दुष्चारित्र किस तरह के इसका भी खुलासा होना चाहिए,आप सरकार से सहमत है तो आपके कपड़ों का रंग कैसा होगा,अगर असहमत हैं तो किस तरह के कपड़े होंगे?

लाशों के कपड़े तो पहले से तय हैं अब ज़िंदा लोगों की बारी है तैयार रहिए आपकी पहचान का सवाल है ।

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