भारत एक पंथ निरपेक्ष राज्य है ऐसी हमारे संविधान की मूल भावना है यानी राज्य का कोई पंथ नहीं होगा ,राज्य का कोई राजकीय मन्दिर ,राजकीय मस्जिद ,राजकीय गिरिजा  राजकीय गुरुद्वारा नहीं होगा राज्य का मंदिर सदन होगा जहां लोक कल्याण के लिए कानून का निर्माण होगा। ,ऐसा लिखा हुआ है ऐसा भारत का संविधान कहता है जिसकी बात सदन में होती है वहीं सदन जहां लोककल्याण के लिए कानून बनाने की बात है।

आज सबने देखा वहीं सदन संविधान पर चलने की शपथ लेने वाले सांसदों के नारों से गूंज रही थी ,यह संसद भवन ही था जहां जय श्रीराम और अल्लाहु अकबर के नारे लग रहे थे मौका था संविधान पर चलने की शपथ लेने का समझ में अाई कुछ बात।

हैरत तो देखिए सब माननीय किस तरह हंसी ठिठोली कर रहे थे अभी किसी दिन यदि कोई सांसद या पूर्व सांसद किसी कारण अगर परलोक सिधार जाता है तो बाकायदा शोक ज्ञापन पढ़ा जाता है मौन रखा जाता है लेकिन ज़रा भी शोक की कोई बात नहीं जब देश में सैकड़ों गरीब बच्चे मर रहे हैं।

मजाल है कोई संवेदना प्रकट कर देता दरअसल गरीब हिन्दू और मुसलमान वोट देने के लिए है मरने के लिए सिर्फ गरीब है।  जय श्री राम के नारे से खुश हो जाइए आइए ओवैसी के अल्लाहु अकबर कहने पर लड्डू बांटे क्योंकि हमे यही करना है ।

ज़रा सोचिए सांसद कह रहे हैं ग्लोबल वार्मिंग बच्चो की मौत की वजह है गजब ज्ञान दिया आपने महोदय हम तो समझे थे कि अगर अस्पताल सही होता तो बच्चे मरते नहीं तो सांसद जी आपको क्या नारा लगाने के लिए चुना है चलिए हम आपभी नारा लगा लें इससे शांति मिलती है ,दवा, अस्पताल,शिक्षा,सब अमीरों के लिए हैं हिंदू और मुसलमान वाली सियासत हमारे लिए अपना सिर धुनिए । चलिए सांसद सभी भगवान को याद कर रहे हैं आप भी ईश्वर से दुआ कीजिए ।

मेरी बाते बहुत बुरी लगती हैं आपको मै जनता हूं लेकिन मै आज हैरान हूं कि हम कहां खड़े हैं नन्हे बच्चे मर रहे हैं और सांसद नारेबाजी कर रहे हैं ,

 

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