18 अक्टूबर 2020, नई दिल्ली,प्रेस रिलीज,आल इंडिया उलमा व मशाईख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने देश में बढ़ती नफरत और इस काम में लगी ऐसी संस्थाओं की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि देश में अमन कायम रहे इसके लिए सरकार को नफरत के कारोबारियों से सख्ती से निपटना होगा।
उन्होंने आल इंडिया सूफ़ी सज्जादा नशीन काउंसिल के राष्ट्रीय संयोजक हज़रत अब्दुल खादेर कादरी वहीद पाशा को फोन के माध्यम से अंजाम भुगतने व जान से मारने की धमकी पीएफआई/ एसडीपीआई का सदस्य बताने वाले व्यक्ति फाजिल के द्वारा दिए जाने पर रोष व्यक्त किया है, उर्दू अख़बार एत्माद में प्रकाशित लेख ,’जिसमें एसडीपीआई /पीएफआई के माध्यम से जनता को सचेत किया गया था एवम उनकी सत्यता बयान करते हुए जनता से ऐसे संगठन से दूरी बनाने की बात कही गई थी, जिससे भारत की शांति व्यवस्था बनाए रखने में व्यवधान पैदा होता है।लेख में कहा गया है कि पीएफआई/एसडीपीआई एक कट्टरपंथी सल्फी विचारधारा से प्रेरित संगठन है, जिसकी विचारधारा आतंकवाद को बढ़ावा देती है ,और आईं एस एआई एस जैसे संगठन से मेल खाती है ,इसके द्वारा भारत की सैकड़ों वर्ष पुरानी सूफ़ी परंपरा पर हमला किया जा रहा है जिसमें प्रेम ही प्रेम है ।
इस लेख पर पीएफआई / एसडीपीआई का खुद को सदस्य बताने वाले व्यक्ति द्वारा जिस तरह की प्रतिक्रिया दी गई है वह इस संगठन की भयावयता को बताने के लिए काफी है,आखिर किस तरह की सीख दी जा रही है जिससे इंसान हैवान बना जा रहा है, विरोध का हिंसक तरीका विचार की गन्दगी को सामने रखता है,।
हज़रत ने कहा कि नफरत फैलाने वाला कोई भी हो और खुद को किसी भी धर्म से जोड़ता हो उसे सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए,क्योंकि मोब्लिंचिंग जैसे घिनौने अपराध हो या फिर आतंकवाद की कायराना घटना यह सब देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं ।
उन्होंने साफ तौर से हर प्रकार की नफरत फैलाने वाली घिनौनी सोच रखने वाले संगठनों पर सख्ती के साथ कार्यवाही करने की मांग की हज़रत ने कहा कि देश की तरक्की शांति के बिना संभव नहीं है और ऐसे कायर लोग देश के दुश्मन हैं जो नफरत का कारोबार फैलाए हुए है।

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