प्रेस विज्ञप्ति,5 नवंबर,मंगलवार इंडियन मुस्लिम अवेयरनेस मूवमेंट ने सभी लोगों से आइडिया ऑफ इंडिया के साथ खड़े रहने और हर कीमत पर अमन बहाल रखने की अपील करते हुए कहा है आम लोगों में इस फैसले को लेकर किसी भी तरह का कोई जज्बाती रुख नहीं है लिहाज़ा सरकार को चाहिए कि अपने तंत्र को हिदायत दे कि वह जिस तरह से इस मामले को लेकर अलग अलग समूहों से मीटिंग कर रहे हैं उसे रोका जाए ,क्योंकि इससे सिर्फ समाज में शंकाए पैदा हो रही है और एक अनजाने से खौफ का वातावरण पनप रहा है।
आईएमएएम ने कहा है सरकार जिस तरह मुस्लिम धर्मगुरुओं और मजहबी संगठनों से अपील करवा रही है इसे भी बंद किया जाय इसकी जगह सुरक्षा के व्यापक प्रबंध हो क्योंकि इन अपीलों का कोई असर समाज में नहीं दिखता और लोग सिवा शक के कुछ नहीं करते।
इमाम का साफ मानना है कि अदालत फैसला नहीं सुनाएगी बल्कि इंसाफ करेगी जिसका सभी भारतीय दिल से स्वागत करेंगे,क्योंकि हर भारतीय नागरिक कोर्ट का सम्मान करता है,इस फैसले को बेवजह एक मुद्दा न बनाया जाए बल्कि इसे भी अन्य अदालती फैसलों जैसा ही समझा जाय ,और सरकार फैसला आने से पहले बड़बोले नेताओं ,धर्मगुरुओं और ऐसे संगठनों को बाध्य करे कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की बयानबाज़ी इस संबंध में नहीं की जाएगी।
यदि सरकार वास्तव में इस संबंध में चिन्तित है तो उसे यह एहतियाती क़दम उठाने चाहिए न कि अपना विश्वास खो चुके संगठनों की अपील के भरोसे बैठना चाहिए,।क्योंकि यह लोग माहौल को गरम तो कर सकते हैं लेकिन उस ठंडा करने की ताकत खो चुके हैं, आई एम ए एम भारत के हर नागरिक से बस इतना कहता है कि हम सब भारतीय हैं और हमें अपनी न्याय व्यवस्था पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए,अमन ज़रूरी है इसी में सबकी भलाई है।