जी हां आपको मेरी बात हमेशा पहले बुरी लगती है फिर अजीब लगती है मगर कुछ वक़्त बीत जाने के बाद आपको वहीं बात सही लगती है मै आज आपसे ही मुखातिब हूं आपसे ही बात कर रहा हूं और आपको साफ कह रहा हूं कि उठिये और लोगों को मुबारकबाद दीजिए आखिर आपकी जीत हुई है।

चौंकिए बिल्कुल भी नहीं मैं सही कह रहा हूं आज़ाद भारत के पहले आम चुनाव में सब हार गए बस जीते हैं तो मुसलमान आप इस बात का मतलब हरगिज़ उन मुस्लिम प्रत्याशियों की जीत से मत लगा लीजिएगा मै उनकी तो बात ही नहीं कर रहा मै तो बात कर रहा हूं आम भारतीय मुसलमानों की।

अब आप परेशान होने लगे आपके माथे पर लकीरें झलकने लगी हैं लेकिन जी हैं आज़ाद भारत में पहला चुनाव है जब मुसलमान जीता है आइए अब इस बात को समझते हैं। चाचा नेहरू से लेकर अभी तक हम किसलिए वोट करते थे क्या आपने सोचा ? हम वोट करते थे कि अगर हमने वोट नहीं दिया तो भाजपा आ जाएगी इसके बदले में हमें मिलती थी गरीबी,सच्चर कमेटी की रिपोर्ट मात्र सिफारिश और रिपोर्ट उसपर अमल नहीं।हमें मिलते थे अनगिनत दंगे जिनका रोना भी हम नहीं रो सकते थे क्योंकि हमें मजबूर होकर उन्हें फिर चुनना होता था जो हमें छलते थे।कहिए क्या मैं गलत कह रहा हूं? संकोच मत करिए साफ कह दीजिए जो दिल में है।आप कुछ नहीं कह सकते क्योंकि आप जानते हैं मैं सही कह रहा हूं।

जहां आपकी तादाद ज़्यादा है जहां आप जीत सकते हैं वहां आपको चुनाव या तो आपके सेक्युलर दल लड़ने नहीं देंगे या फिर सभी मिलकर वहां आपको आपस में लड़ा देंगे ताकि आप हार जाएं।सिर्फ इतना ही नहीं आपको खबर भी नहीं होगी कि जितनी भी सुरक्षित सीटें हैं उनमें से कईयों पर आपकी तादाद सबसे अधिक है लेकिन आप वहां सिर्फ वोट दे सकते हैं यह सब आज नहीं हुआ यह तब हुआ जब आपके हितैषी सत्ता में थे। आर्टिकल 341 पर धार्मिक पाबंदी भारतीय जनता पार्टी के समय में नहीं हुई बल्कि घोर सेक्युलर राष्ट्रपति द्वारा सेक्युलर शासन में लगाई गई।

आप सोच रहे होंगे मै यह सब बकवास क्यों कर रहा हूं तो सुनिए हुज़ूर मै आपको यह सब यूंही याद नहीं दिला रहा हूं बल्कि इसलिए याद दिला रहा हूं क्योंकि जिनकी दरियां हम बिछाते रहे हैं जिनकी सभाओं में हम भीड़ की तौर पर इस्तेमाल होते रहे हैं यह सब उन्होंने हमे दिया है। उन्हें मालूम है उनके पास 20% मुसलमान हैं जिसे हम डरा देंगे और वह हमारा काम बखूबी करेगा हम सिर्फ सत्ता में रहेंगे और यह फिर पंचर जोड़ेगा 5 साल पूरे होंगे फिर हम वहीं करेंगे यह फिर आयेगा हम अपना काम निकालेंगे मुस्लिम तुष्टिकरण जैसी सिर्फ बात करेंगे ,करेंगे बिल्कुल नहीं और फिर इसे इसके हाल पर छोड़ देंगे, न इसके लिए अस्पताल होंगे न इसके बच्चो के लिए स्कूल यह बस वोट बैंक होगा।

हालांकि इसमें हमारे बहुत से कथित मुस्लिम रहनुमाओं का भी कम योगदान नहीं रहा जो हमें अपने छोटे से फायदे के लिए बेचते चले आए ,जब हमारे हक की बात करनी हुई तो उनके सियासी आकाओं ने उनकी ज़बान पर ताला लगा दिया अब बताइए क्या ऐसा नहीं हुआ है ? क्या आपके साथ धोखा नहीं हुआ है? सेक्युलरिजम का सारा बोझ उठाने की ज़िम्मेदारी आपकी क्यों है? आखिर आपको अपना कोई कायद क्यों नहीं चुनने दिया गया कभी सोचा आप ने ?

जो भी निकल कर आया आपने खुद उसे शक की निगाहों से देखा और नकार दिया मगर आपने उन्हें कभी नहीं नकारा जिनका खुद का अपना वोट 8%,या12% रहा लेकिन आपके 20% को वह सिर्फ गुलाम समझते रहे।आप उनके लिए वोटबैंक बने रहे और आपने उन्हें अपना क़ायद बना लिया। आपकोमायावती में क़यादत दिखी चंद्रबाबू नायडू में दिखी ममता बनर्जी में दिखी लालू यादव नितीश कुमार,अखिलेश यादव और बहुत से नाम अपनी रहनुमाई के लिए मिल गए आपने उन्हें खूब सर पर बिठाया मगर उन्होंने आपको दिया क्या?

देखिए आप ईमानदारी से बताइएगा क्या दिया? जब राज्यसभा या विधानपरिषद भेजने की बात अाई तो पूरी लिस्ट में आपका नाम ढूंढ पाना मुश्किल हो गया खैर यह सब आप खूब जानते हैं भले कहें न ।

अब बात करते हैं कि यह जीत मुसलमानों की जीत कैसे हो गई? बीजेपी जीती है ,नरेंद्र मोदी जीते हैं और कांग्रेस सहित सभी सेक्युलर दल हारे हैं तो फिर मुसलमान कैसे जीत गया तो सुनिए जुम्मन चचा इनकी हार में ही आपकी जीत है।

आज भारत का मुसलमान वोट बैंक नहीं रहा यह मुसलमानों की जीत है।आज इतने वर्षों के बाद हम स्वतंत्र वोटर बन पाए हैं यह मुसलमानों की जीत है।अब हमे कोई डरा कर वोट नहीं ले पाएगा यह मुसलमानों की जीत है।अब हमें फर्जी तुष्टिकरण की गाली से आजादी मिली है यह हमारी जीत है।अब मुसलमान भारत की किसी भी पार्टी को समर्थन अपनी मांग पर करने को स्वतंत्र है भारतीय जनता पार्टी को भी यह मुसलमानों की जीत है।आज डर से आजाद हुए हैं हम यह मुसलमानों की जीत है।अब हमें स्वतंत्रता है अपने मुद्दे और अपना नेता चुनने के लिए यह मुसलमानों की जीत है। आइए इस जीत का जश्न मनाएं क्योंकि छद्म धर्मनिरपेक्षता का नकाब आज तार तार हुआ है अब हमे सच का सामना करना है जिसके लिए हमें देश में विश्वास रखना है और अपनी लड़ाई लड़नी है आइए आज  नई सुबह का स्वागत करें देश में नई सरकार बनी है उसको बधाई दें और सत्य की विजय के लिए प्रयासरत रहें ।

ठोकर ने सिखाया है तुम्हे औकात में रहना

तुम उड़ते हुए जहाज़ों की तरफ देख रहे थे।।

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