योग करते तो बच्चे नहीं मरते – ज्ञान
आज अंतरराष्ट्रीय योगा डे है यह हम सब के लिए गौरव का विषय है कि यूरोप ने भी हमारा लोहा मान ही लिया।
वैसे योग धर्म का विषय नहीं है इसका सीधा जुड़ाव शरीर से है और स्वस्थ् शरीर में एक स्वस्थ मस्तिष्क होता है ,योग से बड़े फायदे हैं और इससे किसी को ऐतराज़ भी नहीं है कौन नहीं चाहता कि वह तंदरुस्त रहे ।
वैसे सुना है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से हमारे पड़ोसी चीन को बहुत फायदा है आखिर योग के लिए को जो चटाई है वह चीन से अाई हैं सोचा आपको बता दूं ताकि जब चीन का विरोध करना हो और उसकी बनाई चीज़ों का बहिष्कार करना हो तो सिर्फ दीवाली की झालर तक ही सीमित न रहे चटाई भी आपको याद रहे।
इस्लाम के अनुयाई जो 5 वक़्त की नमाज़ सही तरीके से पढ़ते हैं साल के 365 दिन 5 बार प्रतिदिन योग करते हैं इसलिए इस बात से हिन्दू मुस्लिम जैसी कोई राजनैतिक बात निकल कर बाहर नहीं आती।लेकिन योग के लिए एक बात और भी है कि रात में खाना जल्दी और हल्का खाना होता है फिर जल्दी सोया जाता है ताकि सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर योग किया जाए यह इसलिए बता दिया कि कल दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में नवनिर्वाचित सांसदों को प्रधानमंत्री ने रात्रिभोज दिया था अब वहां खिचड़ी तो परोसी नहीं गई ।
जाने दीजिए बड़े लोगों की बड़ी बाते हैं यह सब आपसे और हमसे क्या मतलब अरे हां आपको बताना भूल गया मैं अगर कांग्रेस योग करती और उसे बढ़ावा देती तो चुनाव नहीं हारती उसकी दुर्गति योग न करने की वजह हुई यह मुझ जैसा अज्ञानी नहीं कह रहा है यह योग ऋषि बाबा रामदेव ने बताया है अगर राहुल जी आपको चुनाव जीतना है तो अब न्याय योजना से कुछ नहीं होगा आप योगा करिए और पूरी कांग्रेस को करवाइए तब जाकर आपको पप्पू वाली छवि से छुटकारा मिलेगा आखिर यह भी तो एक प्रकार का टॉक्सिन ही है जिसे निकालना चाहिए।
वैसे बाबा ने आजतक कोई गलत बात नहीं कही उनका ज्ञान अपरंपार है ,कालेधन पर उनका अध्धयन तो बस पूछिये ही मत यूं समझिए की उनके अनुसार अगर सरकार काम करे तो 3 महीनों में हम चीन को पछाड़ देंगे। हमलोग कहां इन सब बातों को लेकर बैठ गए योग करिए उसी से शांति मिलती है बाकी सब बकवास है।
अगर सब योग कर रहे होते यकीन मानिये जो भारत की स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी का 1.3% खर्च हो रहा है वह .3% में ही हो जाता और हम 1% को टीवी, अखबार, रेडियो आदि पर योग के प्रचार प्रसार में खर्च कर लेते जो अभी इधर उधर से जुटाना पड़ता है।
वैसे हमारे देश में अभी योग शिक्षकों की भारी कमी है जिसकी वजह यह बच्चे मर रहे हैं ज़रा सोचिए अगर योग शिक्षक सही संख्या में होते तो हर जगह योग केन्द्र होते फिर नन्हे मुन्ने बच्चे सुबह उठ कर लीची के बाग़ में ज़मीन पर पड़ी लीची पेट भर नहीं खा पाते क्योंकि योगा तो खाली पेट किया जाता है मै सही कह रहा हूं न ?
यानी देश में मौते स्वास्थ्य सेवाओं की कमी की वजह नहीं हो रही बल्कि योग न करने की वजह हो रही हैं अगर हम अब भी नहीं समझे तो कब समझेंगे हमारे प्रधानमंत्री जी ने पूरी दुनिया को योग का महत्व समझा दिया है सब योग कर रहे हैं सेहतमंद हो रहे हैं मगर आप और हम भारतीय समझने को तेयार ही नहीं ,हर बात में बस हिन्दू मुस्लिम लेकर बैठ जाते हैं ,
अज्ञानी कहीं के योग ऋषि का सम्मान होना चाहिए मैं तो मांग करता हूं कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए आप मेरी इस मांग से सहमत है अगर है तो बाबा की कंपनी का लीची जूस सुबह नहार मुंह पिया कीजिए उससे बच्चे नहीं मरते आखिर योगा की हुई लीची से बनता है जूस समझे आप।
अब आप सीधे बाग़ में ज़मीन पर पड़ी लीची खायेंगे तो मरेंगे ही आखिर लीची वहीं खाने योग्य होती है जो प्राणायाम से शुद्घ कर अलोम विलोम विधि द्वारा तैयार जूस की शक्ल में हो ऐसे नहीं कि बस छीला और खा लिया अब याद रखियेगा बाबा जूस बनाते हैं बिल्कुल शुद्ध आप भी पियें और बच्चो को भी पिलाएं।
इतनी सब बातो से अंत में यह ही परिणाम निकला अगर यह बच्चे योगा करते तो मरते नहीं आखिर सरकार का करोड़ों रुपया योग दिवस मनाने में खर्च हुआ है प्रधानमंत्री को रांची जाना पड़ा योगा करने क्योंकि मुजफ्फरनगर बिहार में है वरना वह वहीं जाते चलिए हमसे क्या वह जहां भी गये मगर योग तो किया ।
अब आजसे ध्यान रहे आप भूक से मर भी रहे हों फिर भी योगा ज़रूर कीजिए देश में अस्पताल और डॉक्टर की कोई ज़रूरत नहीं है जितने हैं वहीं बहुत है ज़्यादा दवा खाने से शरीर दुर्बल होता है इसलिए दवाओं की कमी है सरकारी अस्पतालों में सब उठिए योग करिए अपने बच्चों को कराइए क्योंकि योग करने से बच्चे नहीं मरते।