लोकसभा चुनाव 2024 जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है सियासी जादूगरी के नये नये करतब दिखाई दे रहे हैं हालाँकि इस बार जनता की खामोशी से राजनेताओं के होश उड़ें हैं और वह इस झटपटाहट में ऊटपटांग हरकते करते भी देखे जा रहे हैं ।
ऐसा ही एक मामला बिहार में उस वक़्त सामने आया जब जनतादल यूनाइटेड कोटे से एमएलसी ख़ालिद अनवर ने इमारत शरिया की फ़र्ज़ी अपील जारी कर दी और लोगों से जदयू को वोट देने की बात कही यह एक गंभीर मामला है जोकि सीधे सीधे एक संस्था को जनता की नज़र में गिराने के लिए काफ़ी था और लोगों में कहीं न कहीं यह संदेश गया भी कि इमारत ने उनका सौदा कर लिया लेकिन अधिक नुक़सान होने से पहले लगभग हर मज़हबी संगठन ने एक सुर में साथ आकर इस फ़र्ज़ीवाड़े की बखिया उधेड़ दी जिससे लोगों को सच का पता चल गया इमारते शरिया ने इस मामले में सख़्त तेवर दिखाए और साफ़ तौर से एलान किया कि वह सेक्युलर ताक़तों के साथ खड़ी है ।
ख़ैर यह तो राजनीत है और इसमें इस तरह की घपलेबाज़ी आम हो चली है क्योंकि जिस तरह का चाल चरित्र नेताओं का होता जा रहा है अभी इसका स्तर और गिरना तय है ।
ख़ैर राजनीत जहां तक थी वहाँ तक समझी जा सकती है लेकिन जैसे ही इमारत समेत सभी मज़हबी संगठन सामने आकर एमएलसी ख़ालिद अनवर की इस चालबाज़ी को बेनक़ाब किए एमएलसी साहब आग बबूला हो गए और उन्होंने क़ौम के एक ऐसे सरमाये पर हमला कर दिया जिसके ऊपर मसलकी विरोधाभास होने के बावजूद भी सब लोग गर्व करते हैं और यह संस्था है रहमानी 30 एक ऐसी कोचिंग जिसमें पढ़कर क़ौम के गरीब होनहार बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं साथ ही विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाब हो रहे हैं यह एक मात्र ऐसी संस्था है जिसका परिणाम कई बार 100% तक कई परीक्षाओं में गया है ।
रहमानी 30 अपने आप में एक टैलेंट हंट प्रोग्राम भी है जिसमें क़ौम के गरीब बच्चों की प्रतिभा को तराश कर उन्हें सामने लाया जाता है और वह अपना मक़ाम बना रहे हैं ऐसे में अपनी खीझ मिटाने के लिए एमएलसी साहब ने इस संस्था पर भ्रष्टाचार सहित बच्चों के अभिवावको से धन उगाही तक का बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा डाला जबकि इस संस्था में कोई ट्यूशन फ़ीस ली ही नहीं जाती मात्र रहने और खाने के रेजिडेंशियल हॉस्टल में मात्र 7,500-रुपये लिये जाते हैं वह भी उन बच्चों से जो इसका सामर्थ्य रखते हैं जो बच्चे सामर्थ नहीं रखते उनका पैसा दूसरे फण्ड से दिया जाता है ।यह जानकारी किसी संस्था के व्यक्ति ने नहीं दी बल्कि इस संस्था से लाभ लेने वाले बच्चों के अभिवावकों ने दी ।
एमएलसी साहब की इस हरकत से संस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा उल्टे उनकी छवि को बड़ा धक्का लगा क्योंकि उनकी असलियत लोगो के सामने आ गई इमारते शरिया की दीन बचाओ रैली से नेता बने माननीय जी की उसी संस्था से मुख़ालिफ़त ने उनके सही चेहरे को लोगों के सामने प्रस्तुत कर दिया और मुसलमानों में उनकी एक ख़राब तस्वीर चली गई ,सत्ता की जादूगरी में उल्टा मंत्र पढ़ने का ख़ामियाज़ा उन्हें राजनैतिक शून्य की और बढ़ कर चुकाना पड़ सकता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति को कोई सियासी दल बोझ नहीं बनाता जिसकी उसके समाज में ही बड़ी मुख़ालिफ़त हो ।
कुल मिलाकर रहमानी 30 जैसी उच्च गुणवत्ता वाली संस्था को बदनाम करने की साज़िश बेनक़ाब हो चुकी है और संस्था का सच उसके द्वारा तैयार बच्चों की फ़ौज जोकि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर परिणाम लॉ रहे हैं ने लोगों को ख़ुद बता दिया है ।देश में ऐसी उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं की और आवश्यकता है लिहाज़ा इसे बदनाम करने वाले लोगों का चाल चरित्र और चेहरा पहचाना जाना चाहिए जिससे समाज और देश का नुक़सान न हो ।