जी हां हमारे प्रधानमंत्री जी बिल्कुल झूठ नहीं बोलते हैं वह जो कह रहे हैं बिल्कुल सही कह रहे हैं ,चाहे विषय कोई भी हो उनकी हर बात सही है अब यह क्या कि वह इनके लिए बोलते हैं तो सच बोलते हैं और उनके लिए बोलते हैं तो झूठ?
में आपकी इस बात से हरगिज़ सहमत नहीं हूं क्योंकि या तो वह सच बोलते हैं या फिर झूठ कोई एक बात तो माननी पड़ेगी अगर उनकी बात को झूठ मानते हैं तो फिर कोई बात ही नहीं लेकिन अगर उनकी बात को सच मानते हैं तो विषय गंभीर है वैसे आपका विचार क्या है प्रधानमंत्री जी के विषय में,अब 15 लाख देने का वादा लेकर न बैठ जाइएगा वह झूठ नहीं था बस जुमला था और रही बात 2 करोड़ रोजगार की तो शाहनवाज़ हुसैन के पास पूरा लेखा जोखा मौजूद है जो इसे सच साबित करता है,वैसे अच्छे दिन भी आ ही गए हैं यह बात भी बिल्कुल झूठ नहीं है।
अब आपका मन मुझे गाली देने का कर रहा होगा, मै सच कह रहा हूं लेकिन आप नहीं मानेंगे क्योंकि मैं प्रधानमंत्री नहीं हूं ,लेकिन सुनिए अच्छे दिन अदानी जी के आ गए हैं ,अंबानी जी के अाए हैं उन्हीं के लिए कहा भी था ,वह आप उस वक़्त समझ नहीं पाए यह आपकी गलती ,यह आपकी गलत आदत है कि गलती खुद करते हैं और दोष दूसरे को देते हैं।
देश बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है अब किस दिशा में बढ़ रहा है यह तो विशेषज्ञ बताएंगे मगर बढ़ जरूर रहा है ,अभी सरकार ने फिर रिजर्व बैंक से पैसा मांगा है आखिर विकास का यहीं सूचक है कि देश की सबसे बड़ी जरूरत एनपीआर के लिए 8500 करोड़ का प्रबंध किया गया है।क्योंकि इसके बिना आप विकास कैसे करेंगे महंगाई और बेरोजगारी बहुत घटी है पहले कोई इंसान 50 रुपए में घर में बैठ कर भोजन नहीं मंगवा सकता था अब मंगवा रहा है आराम से ,बेरोजगारी कोई मुद्दा नहीं है यह सब हमारे देश के प्रधानमंत्री को झूठा बताने के हथकंडे है जिसमें विपक्ष बिल्कुल कामयाब नहीं होने वाला।

आखिर नोटबंदी से आतंक कितना रुक गया है बिल्कुल कमर टूट गई उसकी ,अब पुलवामा लेकर न बैठ जाइए वह तो बस हो गया जांच चल रही है सच निकल कर आ जाए तो पता चले क्या हुआ , देवेन्द्र सिंह तो यूंही आतंकवादियों को घुमाने का रहा था क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे नोट चलन से बाहर हो गए तो कंगाल हो गए ,जज लोया प्रकरण में भी तो बहुत आरोप लगाए क्या निकला कुछ भी नहीं ,राफेल की बात मत कर दीजियेगा कहीं इतना सस्ता कहीं युद्ध वाला जहाज़ मिलता है वह तो कहिए सही डील मिल गई वरना और महंगा मिलता।
दरअसल विपक्ष को प्रधानमंत्री के कामों से चिढ़ है वह बराबरी नहीं कर पा रहा इसलिए बस झूठ है झूठ हैै का शोर मचा रखा है,कोई कहता है प्याज महंगा है तो सरकार क्या करे प्याज महंगा है तो वित्त मंत्री जी की तरह मत खाइए ,जनवरी में सब्जी इतनी महंगी हैं कि मत पूछिए तो क्या सुनना चाह रहे हैं कि वित्त मंत्री यह भी कहें कि वह सब्जी नहीं खाती,वैसे ज़हर सस्ता है।

प्रधानमंत्री जी ने देश का विदेशों में डंका बजा दिया है अब तो अमेरिका में प्रचार के लिए भारत के प्रधानमंत्री को बुलाया जाने लगा है यह कितने सम्मान की बात है कि हमारे देश की पॉलिटिकल टेक्नीक को अमेरिका ले रहा है और वहां नारा लग रहा है अबकी बार ट्रंप सरकार,अजी इतना ही नहीं न्यू इंडिया की तर्ज पर न्यू अमेरिका भी बन रहा है,।
देश का सम्मान कितना है ज़रा सोचिए प्रधानमंत्री जी की वजह से इस समय पूरी दुनिया में विश्विद्यालयों के छात्र छात्राओं द्वारा भारत के कानून की बात की जा रही है,देश के इतने मेहनती प्रधानमंत्री जो हर वक़्त देशहित में लगे रहते हैं अगर पूरे देश में हर महीने चुनाव हो तो 100-150 रैली हर महीने करने को तैयार रहते हैं।हर रैली में 1 से डेढ़ घंटा बोलना देशहित में कोई आसान नहीं और वह भी सब सच कमाल है।

मै तो प्रधानमंत्री जी के हर वक्तव्य को सच मानता हूं आप जो माने चाहे अर्थव्यवस्था की बात हो जिसे डूबता हुआ बताया जा रहा है जबकि लोगों को समझना चाहिए कि कितनी गजब की सर्दी हो रही है इसलिए अर्थव्यवस्था थोड़ा सिकुड़ी हुई है गर्मी आएगी तो बढ़ जाएगी,विरोधियों को मौसम का भी ज्ञान नहीं है।
अब नोट पर देवी लक्ष्मी को तस्वीर छपने से देश में यदि समृद्धि आती है तो यह काम फौरन होना चाहिए आखिर एक पढ़े लिखे व्यक्ति का सुझाव है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए ,मुझे तो लगता है कि गोडसे के नाम का सिक्का भी निकालना चाहिए इससे भी अर्थव्यवस्था बढ़ेगी,उसकी वजह यह है जो उसके विरोध में हैं वह उस सिक्के को फौरन खर्च कर देंगे जिससे कारोबार बढ़ेगा और लोगों में जमाखोरी की आदत कम होगी।
प्रधानमंत्री के सच के साथ खड़े होना है उन्होंने सी ए ए के विषय में एन आर सी के संबंध में और एन पी आर के बारे में जो कहा सच कहा तो फिर देश में दवा कंपनियों और डाक्टरों के रिश्ते पर उनकी बात झूठ कैसे हो सकती है,अब प्रधानमंत्री जी जब धरती के भगवान को अय्याश और शीर्ष दवा कंपनियों को लड़की सप्लाई करने वाला बता रहें हैं तो सच ही कहा होगा।उन्होंने यही तो कहा है कि डॉक्टरों को लड़की सप्लाई करती हैं बड़ी दवा कंपनियां अब इसपर हल्ला क्यों ?
क्योंकि प्रधानमंत्री झूठ नहीं बोलते लिहाज़ा उनकी इस बात पर भी देश को मोहर लगानी चाहिए ,उन्होंने देशहित में यह खुलासा कर दिया है अब देश के डाक्टरों का चरित्र देश के सामने हैं जो किसी गरीब मरीज़ को लड़की की लालच में कोई दवा लिखता है,साथ ही उनकी हकीकत भी देश के सामने हैं जो सूट बूट पहनकर चमड़े का बैग लेकर लड़की सपलाई करते हैं।
हम सब धन्य है कि हमें ऐसा यशस्वी और सच्चा प्रधानमंत्री मिला जो इतनी सहजता से सच बोलता है आखिर सच बोलने के लिए हिम्मत चाहिए अब आपको सेलेक्टिव होने की इजाज़त नहीं है या तो प्रधानमंत्री का सच कुबूल कीजिए या फिर सब कुछ झूठ मान लीजिए ,शायद यह जगह जगह प्रदर्शन, लगातार चल रहे आंदोलन इसी वजह से हैं वैसे मैं तो सच मान रहा हूं अब देखिए कौन कौन अय्याश साबित होता है और कौन दलाल रही बात महिलाओं की वह तो एक तोहफा भर हैं…..…………………….
फैसला आपको करना है प्रधानमंत्री आपके भी हैं।
यूनुस मोहानी
younusmohani@gmail۔com
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