भारत में विपक्ष नाम की भी चीज 2014 तक पाई जाती थी लेकिन मौसम के सख्त तेवर के चलते यह प्रजाति धीरे धीरे विलुप्त होने लगी,अब यह संरक्षित श्रेणी में है और बंद एसी कमरों में पाई जाती है अक्सर आपको यह बड़ी एसी कारों में दिख सकती है,हालांकि पहले यह प्राणी सड़कों पर पाया जाता था तब इसकी धाक थी मगर इतने कठोर मौसम से लड़ पाना जब गिद्घ जैसे पंक्षी के लिए संभव नहीं हो पाया तो यह बेचारा कैसे झेलता।
मगर परेशान मत होइए इसे विलुप्त नहीं होने दिया जाएगा और क्रतिम विपक्ष तय्यार किया जाएगा।आपको हंसी आ रही है जनाब यह रोने का मकाम है सैकड़ों गरीब बच्चे मौत के मुंह में समा चुके हैं सैकड़ों लाइन में लगे हैं अस्पतालों से तंग गरीब बस्तियों तक सिर्फ हंगामा है कोहराम है लाशे है नौनिहालों की और राजनैतिक गलियारों में पसरा है सन्नाटा।
अब कहीं जीतन राम मांझी नहीं दिखते तेजस्वी की आवाज़ सुनाई नहीं देती कोई उपेन्द्र कुशवाहा नजर नहीं आते शत्रु राख हो चुके हैं कांग्रेसी राहुल को मना रहे है और इन सब का सांझा सपना है बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी।ऐसे में जब बंगाल की जंग ममता अकेले लड़ रही हैं तो उत्तरप्रदेश में बुआ बबुआ आराम कर रहे हैं दलित मरे या यादव जी मारे जाए हमसे क्या हम समीक्षा कर चुके हैं अभी बहुत गर्मी है सावन का इंतजार करिए।
सत्ता पक्ष को अब कोई खतरा नहीं है क्योंकि विपक्ष समाप्त हो चुका है और इसकी भूमिका भी बनावटी विपक्ष से अदा करवाई जाएगी ताकि आपका लोकतंत्र नामक भ्रम बरकरार रहे और निरंकुश सत्ता जैसे चाहे आपको हकाये यह कड़वी सच्चाई है।मगर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है बिहार में बुखार है नीतीश को सत्ता का खुमार है और विपक्ष बीमार है ऐसे में गरीब 100 मरे या 1000 आप परेशान न हों बेकार।
आईओ
नीतीश बाबू की मुस्कान सलामत रहे और यूंहिं गुलदस्ते लेते देते रहें ऐसी दुआ कीजिए आखिर मुख्यमंत्री हैं बिहार के और देश के महामहिम से मिल रहे हैं शायद बताया है कि मैंने शतक पूरा कर लिया है जल्दी ही दोहरा शतक भी लगाऊंगा अभी पारी चल रही है गरीब के बच्चे की सांसे भी चल रही हैं।
मगर खबरदार जो आप भावुक हुए क्योंकि आपको अभी समर्थन करना है डाक्टरों की हड़ताल का क्योंकि यह लाश गरीब के बच्चे की है आपके बच्चे की नहीं और गरीब सिर्फ मरने के लिए पैदा होता है सिसक सिसक कर तड़प तड़प कर मरने दीजिए हमसे क्या हम तो अजायबघर में अपने बच्चो को विपक्ष दिखाने जाएंगे।
जय हो।