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समय कितनी तेज़ भाग रहा है और जब समय की रफ़्तार तेज़ है तो उससे कदम से कदम मिलाने के लिए अपनी गति भी वक्त के हिसाब से रखनी होगी और वक्त से कदम ताल के लिए ज़रूरी है कि रास्ता सुगम हो और चौड़ा भी वरना भीड़ भाड़ वाली सड़क पर स्पीड कम होगी और पूरा खेल बिगड़ जायेगा ।

मुझे लगता है आप मेरी बात से पूरी तरह से सहमत होंगें क्योंकि आप भी किसी पतली सड़क की जगह एक्सप्रेसवे ही का चुनाव करेंगे क्योंकि हर इंसान चाहता है सफ़र की सुगमता और कम से कम परेशानी ।

तेज रफ़्तार जीवनशैली में राजनीत हो या कारोबार हर तरफ़ सबसे तेज़ का दौर है यह सिर्फ़ खबरिया चैनलों का शोर भर नहीं है बल्कि समाज की हकीकत है और इस सबसे तेज़ की दौड़ में पिछड़ जाने वाले बिसरा दिए जाते हैं यानी उनका इस भागमभाग प्रतियोगिता में सफ़र ख़त्म मानिये तो सबको तेज़ भागना है और उसके लिये हर संभव प्रयास करने हैं रही बात नैतिकता और सभ्यता वाली तो यह सब बातें जल्दबाज़ी में नहीं देखी जाती जैसे लोग ट्रैफ़िक सिग्नल तोड़ देते हैं बस वैसे ही हालाँकि सब जानते हैं कि यह अपराध है और इसके लिए चालान हो सकता है लेकिन सबसे तेज़ की दौड़ में पिछड़ जाने से बेहतर है सिग्नल तोड़ देना ऐसी मानसिकता से सब घिर चुके हैं ।

खैर यह सारी बातें तो दार्शनिक टाइप हुई और आप इतना समझदार तो ख़ुद ही हैं तो आपका समय क्यो बर्बाद करें तो सीधे आते हैं सिंदूर से बहुत दूर तक वाली राजनीत के एक्सप्रेसवे पर यह वही वाला एक्सप्रेसवे है जिससे दिल्ली से बंगाल और बिहार की दूरी नापी जानी है और वहाँ की गद्दी पर सबसे तेज पहुंचना है ।अब इस सफ़र में धीमी रफ़्तार से चलना मतलब अपने अवसर को गवां देना है देर पहले ही हो चुकी है तो सिग्नल पर रुकना न पड़े इसलिए सीधा एक्सप्रेसवे का चयन किया गया है और इस समय साम्प्रदायिक द्वेष वाला एक्सप्रेसवे थोड़ा ऊबड़ खाबड़ हो चुका है क्योंकि लंबे समय से सबसे अधिक ट्रैफ़िक इसी पर रहा है राजनैतिक काफिले का ,तो देशभक्ति एक्सप्रेसवे सही चयन होगा लिहाजा गाड़ी का रुख़ इस तरफ़ है ।

BJP leader

सत्ताधारी दल के चालक और देश के प्रधानमंत्री ने अपने ईधन का खुलासा भी कर दिया है उन्होंने बता दिया है कि उनकी रगों में लहू की जगह सिंदूर दौड़ रहा है ठीक वैसे ही जैसे पारंपरिक ईधन की जगह हाईड्रोजन से चलने वाली गाड़ी हो ।अब अपरिपक्व विपक्ष इसे ही मुद्दा बना रहा है और खिल्ली उड़ा रहा है कि भला लहू की जगह सिंदूर कैसे हो सकता है और सिंदूर की रसायनिक क्रिया पर चर्चा कर रहा है जबकि उसे पता होना चाहिए की दुनिया बदल रही है जब सत्ताधारी दल के चालक नाले से गैस बनाकर चाय बना सकने की कला में माहिर है तो ऐसे दिव्य व्यक्तित्व के लिए यह छोटी सी बात असंभव कैसे हो सकती है ?

जाने दीजिए आप सिंदूर की महिमा समझिए ध्यान मत भटकाइये सेना के पराक्रम को आप सत्ता की ताक़त के बिना कैसे देख सकते हैं इसपर बहस कीजिए आख़िर लगातार देश का सबसे तेज वाला मीडिया आपको इस और खींच कर ला रहा है सारी बहस इसी पर हो रही है लेकिन आप हैं कि सेना के पराक्रम का श्रेय किसी और को देने को तैयार नहीं हो रहे हैं ।
जबकि आप भी सही हैं क्योंकि आप देश की सेना से प्रेम करते हैं उसका सम्मान करते हैं और उनकी कुर्बानी की क़दर करते हैं लेकिन राजनीत की भी कुछ मजबूरी होती है इसे आप कब समझेंगे ? आपको सब कुछ भूल कर सिंदूर पर ध्यान केंद्रित करना होगा बिना इस सवाल के कि किसी गरिमामय महिला से पूछा जाए की आपकी माँग में किसका सिंदूर है ? क्योंकि देश की महिलायें अपनी माँग अपने पति के सिंदूर से ही भरती हैं यही धर्म है और यही परंपरा और भारतीय संस्कृति भी ।

Manohar dhakad expressway viral clip

ऑपरेशन सिंदूर की अपार कामयाबी के बाद कार्यक्रम सिंदूर सत्ता के लिए चलने वाला अभियान है जिसको लेकर जानता में गुस्सा भी है तो आइए पुराने हथकंडों से काम चला लिया जाए आप राजनैतिक भूल को सुधारने का मौक़ा नहीं देते तो आपको भटकाव वाले खेल में उलझाना राजनैतिक मजबूरी है तो उसका बेहतरीन तरीका है एक्सप्रेसवे जिसपर गाड़ी सरपट दौड़ती है ।
वैसे भारत में संस्कारी लोगों द्वारा पोर्न को छुपा कर देखने की आदत पुरानी है और अगर कोई इस तरह की चीज़ खुले आम आ रही हो जिसे देखने पर कोई आपके चरित्र पर हमला भी न कर सके तो भला आपको कहाँ कुछ याद रहना है लिहाजा इस देश में एक्सप्रेसवे ट्रेंड करवाना कौन सी बड़ी बात है ?
एक महिला पुरुष द्वारा फैंटेसी की सभी हदे पार करते हुए जिस तरह का एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल किया गया उसने कार्यक्रम सिंदूर की फ़ज़ीहत से ध्यान हटा कर सेक्स की तरफ़ मोड़ ही दिया क्योंकि यही कहा जाता है ख़बर में सबसे अधिक यही चीज़े ही बिकती हैं सेक्स और क्राइम !तो क्राइम तो हो चुका अब बिकेगा सेक्स लिहाजा देश वीडियो देख रहा है दिखा रहा है एक से बढ़कर एक नए वीडियो आ रहे हैं सत्ता धारी दल के रोज़ नई नई तरह के और पूरा शीर्ष नेतृत्व खामोश है संस्कृति को बचाने का संघर्ष करने वाली पार्टी राजनैतिक रफ़्तार से समझौता नहीं कर सकती लिहाज़ा देश की अक़्ल पर अश्लीलता का पर्दा मजबूरी है ।
BJP leader son vedio clip

क्या युवा क्या वृद्ध क्या महिला और क्या पुरुष सबतक यह वीडियो पहुँच चुका है और ट्रम्प ने सीज़फ़ायर क्यो करवाया यह यक्ष प्रश्न स्मृति से बिल्कुल पूर्व केंद्रीय मंत्री की तरह से ही ग़ायब हो गया है सवाल तो नफे और नुक़सान का भी है की हमने क्या खोया और क्या पाया ? जयशंकर जी ने क्या पहले दुश्मन देश को बताया और बाहर दुनिया को क्या नहीं ?अभी तो सेना के शौर्य को राजनीत की चाशनी में डुबो कर सिंदूर के साथ जनता के मन मस्तिष्क तक पहुँचाने में सब लगे हुए हैं ।और जो सवाल हो रहे हैं उसके जवाब में वीडियो आ चुकी है वीडियो कहीं कार में सत्ताधारी दल के नेता की कहीं सत्ताधारी दल के हाईटेक जिला कार्यालय में किसी कार्यकर्ता के साथ और कहीं किसी बीजेपी नेत्री के पुत्र के कारनामों के यानी अचानक से वीडियो की बाढ़ आ गई है ।
Gonda BJP district president viral vedio

एक तरफ़ नफ़रती गिरोह अपने काम में व्यस्त है और कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी के बारे में अनर्गल बात कर रहा है सिर्फ़ इतना ही नहीं आई टी सेल के द्वारा भी अश्लील और अशोभनीय टिप्पणी नाम में हल्का बदलाव कर की जा रही हैं लेकिन हर तरफ़ खामोशी है वही देश के बाहर पहुँचे निशिकांत दुबे जैसे लोग कहीं फ़िलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं और कहीं आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता ऐसे बयान दे रहे हैं अब उनकी देश में जो बनी बनाई छवि है उसके उलट उनकी बयानबाज़ी से कहीं लोगों का भरोसा न टूटे उसे भी देखना है लिहाज़ा लोगों को कहीं न कहीं उलझाना होगा और यह उलझाव अगर रोमांच के साथ हो तो क्या ही कहने !
BJP MP Nishikant Dubey

देश में एक्सप्रेसवे बहुत तेज़ी से बन रहे हैं सड़कों की गुणवत्ता सब जान रहे हैं देश में विकास की सरपट गाड़ी बखूबी दौड़े इसलिए सड़कों का जाल माकूल बनाया जा रहा है लेकिन सड़क का उपयोग क्या सिर्फ चलने के लिए ही किया जा सकता है ? अभी तक जो देखा गया है उससे ऐसा तो नहीं प्रतीत होता सड़कों पर कथित गौरक्षक दल बिल्कुल चौकन्ने दिखते हैं ,मॉबलिंचिंग भी सड़कों पर होने वाला एक बड़ा काम है इसके साथ ही इसका उपयोग भोग के लिए भी हो सकता है यह बात भी जगजाहिर हो गई है ।
Mob lynching on road

दो बालिग लोग अपनी स्वेच्छा से कामक्रीड़ा में मग्न होते हैं ऐसे में हाईवे के कैमरो द्वारा उनकी निजिता भंग करना कहाँ का न्याय है ? अरे चलिए कैमरा तो यंत्र है उसमे कुछ रिकॉर्ड हो गया तो इसका क्या मतलब है उसे लीक कर दिया जाएगा ? देखिए इस मामले में सरकार को बड़ी कार्यवाही करनी चाहिए वीडियो लीक करने वालों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिये क्यों ?आख़िर उन्होंने कितना बड़ा अपराध कारित किया है और वह भी संज्ञेय अपराध !
अब यही फ़ेमिनिज़म पर भी थोड़ी बात कर ली जानी चाहिये क्या कहते हैं आप ? आख़िर विकास की इस बेला में तरक़्क़ी के अमृतकाल में महिलाओं का योगदान भी उल्लेखनीय होना चाहिए आप सिर्फ़ पुरुष को कैसे सारा श्रेय दे सकते हैं ?
Nitish kumar with prime minister

मेरा जिस्म मेरी मर्ज़ी मात्र कोई फ़िल्मी डायलॉग तो नहीं है ? यह समाज में बराबरी का उद्घोष भी तो है तो सिर्फ़ मनोहर धाकड़ ही क्यों चर्चा बटोरे सारी ख्याति उनकी ही क्यों ? अब ज़्यादा दिखावटी सभ्यता का चोला मत ओढ़ लीजिए और यह न कहिए कि हमे क्या पता हमने तो वीडियो नहीं देखी क्योंकि आपके मोबाइल पर की गई सारी गतिविधियाँ रिकॉर्ड में हैं कि कितनी बार बार रिवाइंड और पाज़ करके देखा गया है वीडियो ! तो आपने क्या निष्कर्ष निकाला कि सारा श्रेय इस पूरे संस्कृति के संकर्मण काल में किए गए प्रदर्शन का अकेला पुरुष ले जाये ?
ज़िन्दगी के दोराहों पर चुनाव आते जाते रहते हैं कभी किसी को चुनना होता है कभी किसी को यहाँ तक कि ज़िन्दगी और मौत का भी चुनाव होता है डॉक्टर का यह संदेश की हम जच्चा और बच्चा में किसी एक को बचा सकते हैं तो यह भी एक चुनाव है तो चुनाव में हमे किसी एक का चुनाव करना होता है और एक का त्याग तो क्या सत्ताधारी दल के सिंदूर को बचाने के लिए धाकड़ के त्याग को गौरव दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिये?
बंगाल और बिहार की सत्ता का रास्ता एक्सप्रेसवे से होकर जाता है और एक्सप्रेसवे पर धाकड़ की मनोहर कहानी आपको रोमांचित करती है अगर यह कहा जाए कि आप रोमांच में डूब कर सब भूलने में विश्वास कर रहे हैं तो बिहार और बंगाल आसान है वरना धाकड़ का वीडियो हरगिज़ एक्सप्रेसवे पर फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन का मुज़ाहरा तो नहीं ?

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