29 अगस्त 2020 नई दिल्ली,आल इंडिया उलमा व मशायख बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने मोहर्रम में ऑनलाइन चल रहे अपने एक प्रोग्राम में करबला के यूनीवर्सल पैग़ाम को बताते हुए कहा कि कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन अैहिस्सलाम की शहादत के बाद रहती दुनिया तक ज़ुल्म के खिलाफ उठने वाली हर आवाज़ इस अज़ीम शहादत का सदका है।
उन्होंने कहा कि ज़ुल्म के खिलाफ अपने छोटे छह माह के बच्चे जनाबे अली असगर को पेश कर इमाम ने बताया कि हक के लिए अगर ज़रूरत हो तो फिर बड़ी से बड़ी कुर्बानी भी पेश करनी पड़े तो पैर पीछे मत खींचो बल्कि अपना सबकुछ लुटा कर भी हक की बुलंदी तुम्हारी फतह है और ज़ालिम की हार।
करबला का यही सबक है कि ज़ुल्म को सहना भी गुनाह है इमाम का यह कौल कि “जुल्म के खिलाफ जितनी देर से उठोगे कुर्बानी उतनी बड़ी देनी पड़ेगी” सबको याद रखना चाहिये ।लिहाज़ा सबको मजलूम के साथ खड़ा होना है और ज़ालिम के खिलाफ, यही दुनिया में इंसाफ को कायम करने का रास्ता है और इसी अमल से शांति की स्थापना संभव है ।क्योंकि जब समाज जागृति होता है तो ज़ालिम कमजोर हो जाता है इसीलिए शायर ने कहा कि इंसान को ज़रा बेदार तो हो लेने दो हर कौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन।हज़रत ने करबला के शहीदों कि सलाम पेश करते हुए कहा कि हुसैन हर मजलूम की हिम्मत का नाम है और जुल्म के खिलाफ उठने वाली हर आवाज़ का नाम भी।

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