आपने महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की मशहूर कविता वह तोड़ती पत्थर देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर तो सुनी और पढ़ी होगी याद कीजिए लड़कपन के वह खूबसूरत दिन जब कॉलेज में इसे बड़े मज़े से पढ़ा था आपने ,उसी महाकवि की नगरी है उन्नाव, उत्तर प्रदेश का एक शहर ,आज वहीं से यह कविता मैं आपको अाजके निराला की व्यथा के रूप में सुना रहा हूं।
कल उन्नाव से एक खबर अाई कि जामा मस्जिद के मदरसे में पढ़ने वाले कुछ बच्चो को जी अाई सी ग्राउंड में क्रिकेट खेलते समय कुछ नफरत के सौदागरों ने पीटा जिसमें एक बच्चे का हाथ टूट गया,एक का सर फटा और काफी चोट अाई, इन बच्चो का कहना है कि इनसे जय श्री राम का नारा लगाने के लिए कहा गया ,हालांकि अब इन बातों में कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है और इसकी जांच चल रही है,लेकिन बच्चों को चोटें अाई हैं जो कह रही हैं कि कुछ तो गलत हुआ है।
आजकल सोशल मीडिया का दौर है खबर आग की तरह फैल गई और वहीं शुरू हुआ जो होता है यानी नफरत का प्रसार , आनन फानन में शहर काजी ने भी बयान जारी कर दिया कि अगर दोषियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो कल जुमे की नमाज़ के बाद हर मस्जिद से मुसलमान सड़कों पर निकलेंगे ,यहां मै एक बात साफ कर दूं कि मैं उनकी इस बात का समर्थक नहीं हूं।
नफरत ने अपना काम शुरू कर दिया और पुलिस ने भी अपना काम किया फेसबुक के माध्यम से जानकारी के अनुसार दोषियों की पहचान कर उनकी धर पकड़ शुरू हुई लेकिन काज़ी साहब का बयान प्रशासन के हाथ पांव फूला देने के लिए काफी था नतीजा उन्नाव छावनी में बदल गया और कड़ा बंदोबस्त किया गया है।
खबर आ रही है कि कुछ लोग कोतवाली का घेराव कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं,उनकी प्रदर्शन करने की धमकी और इनके घेराव से जो नुक़सान है वह भारत का है।आज उन्नाव में चंद्रशेखर आज़ाद की आत्मा शर्मिंदा है , वहीं कृष्ण प्रेमी मौलाना हसरत मोहानी के जज्बात भी चुपके चुपके आंसू बहा रहे हैं आखिर उन्नाव जनपद के ही लाल है यह तो दर्द तो होगा ही।

मौलाना हसरत मोहानी

राम का नाम जोड़ने का साधन है ,रहीम का ज़िक्र मिलाप की कड़ी है तो फिर कौन हैं यह लोग जो इसे हथियार बनाने पर तुले हैं,दंगे ,नरसंहार से किसे फायदा होना है? भारत कमजोर होगा तो लाभ किसका होगा सोचिए ?
उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज

साक्षी महाराज जी आप सांसद हैं इस पावन धरती से ज़रा बताइये गर देश अशांत होगा तो क्या हम कमजोर नहीं होंगे ?
मेरा सवाल है कि आखिर नफरत के कारखाने पर रोक लगाए बिना सबका विश्वास जीतने का लक्ष्य पूरा हो जायेगा? मदरसे के बच्चों से नफरत कर क्या देश आगे बढ़ पायेगा?
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ

योगी जी बताइए कि इन बच्चों को क्रिकेट खेलने पर मार से बचने के लिए आप कौनसा आयोग बनायेगे जहां से सर्टिफिकेट लेकर इन्हे सुरक्षा मिल सकेगी और कथित रामभक्तों से इनके जीवन को बचाया जा सकेगा? मैंने खासतौर से कथित शब्द का इस्तेमाल किया है क्योंकि मैं जानता हूं जो रामभक्त होता है उसे रहीम का ज़िक्र करने वालों से असीम प्रेम होता है ,क्योंकि राम जब आत्मा में रमते हैं तो नफरत का समूल नाश होता है और प्रेम के अंकुर फूटते हैं ।
बताईए प्रधानमंत्री जी कैसे पढ़ेगा इंडिया बिना पढ़े कैसे बढ़ेगा इंडिया ? क्या यही है न्यू इंडिया? जहां बच्चे इसलिए मारे जाएंगे क्योंकि वह क्रिकेट तो खेलते हैं मगर जय नहीं बोलते?ज़रा बताइए तो इसके भी ज़िम्मेदार कहीं नेहरू तो नहीं है?काज़ी जी आपने सड़कों का रास्ता तो बता दिया लेकिन मोहब्बत को जीत दिलाने का कितना प्रयास किया यह भी बता दीजिए, क्योंकि सालामती का दीन आपको यही पाठ पढ़ाता है कि मोहब्बत को हर हाल में बढ़ाया जाय।
आज उन्नाव में भारत टूटता दिख रहा है आइए इसे मोहब्बत से बचा लें आइए सब अमन वाले एक दूसरे से गले मिले आप जय श्री राम का नारा लगाइए हम रहीम के नाम की तस्बीह पढ़ते हैं और मिलकर इन नफरत वालों को बता दें कि भारत प्रेम की माला मोहब्बत की तस्बीह है हम इसे टूटने नहीं देंगे।

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