ऐलान हो चुका है सबको पता भी चल गया है कि सिर्फ विरोध करना है,और जो आपका विरोध करे उसके समर्थन में जो खड़ा हो उसका भी विरोध करना है,दीपिका जेएनयू चली गई लिहाज़ा उनकी फिल्म का विरोध शुरू हो गया यह है भारत की राजनीति का स्तर।
देश की एक यूनिवर्सिटी में गुंडे घुस कर छात्र छात्राओं को मारते हैं सत्ताधारी दल का ऐलान होता है नहीं देखेंगे ,सब इशारों को शायद पुलिस भी समझ जाती है लाइट गुल होती है निकल जाओ नहीं देखेंगे,दिल्ली पुलिस जांच करती है बहुत वीडियो देखती है लेफ्ट का कनेक्शन निकालती है मगर जिसमें गुंडे आते हैं और जाते हैं वह वीडियो नहीं देखती कह देती है हम नहीं देखेंगे।

लखनऊ में हिंसा हुई ,कानपुर जला,और मुजफ्फरपुर मेरठ सहारनपुर भी जला अलीगढ़ में गोली चली तो बहराइच में लाठी भांजी गई सब कुछ हुआ फिर अाई पुलिस की बारी घर में घुस कर महिलाएं मारी गई नारा लगा महिलाओं के सम्मान में यूपी पुलिस मैदान में जनता ने आवाज़ उठाई प्रदेश के मुखिया बोले बदला लेंगे कुछ नहीं सुनेंगे जिन्होंने प्रताड़ना झेली उनके आंसुओं के सैलाब में उम्मीद कूद गई आवाज़ अाई छपाक ।
असम जला सिर्फ असम ही क्यों पूरा पूर्वोत्तर ही जला अशांत बिहार भी हुआ एक मांग उठी वापस ले लीजिए अपना कानून देश में विरोध है आवाज़ आती है गंगा साफ हो गई है , बताइए तो सही कि साफ गंगा हो गई है तो क्या हम कूद जाएं आवाज़ अाई जो चाहे करे , एक इंच पीछे नहीं हटूंगा,यानी नहीं देखूंगा छपाक।

हर तरफ यही हाल है अगर कोई नौकरी मांगता है तो देखना नहीं है,बेरोजगारी की बात है तो जिल्लेइलाही को देखना नहीं है,जातिवाद के ज़हर से कोई मरता है तो देखना नहीं है,यानी बात साफ है कि कुछ हो जाये हम अपनी ही चाल चलेंगे और सिर्फ इतना ही नहीं हमें विश्वास है कि अगर ऐलान कर देंगे तो समर्थक भी नहीं देखेंगे ,इस तस्वीर पर भी ध्यान दीजिए यह भी न्यू इंडिया की ही तस्वीर है देखने के लिए मैंने इसलिए नहीं कहा कि आपका जवाब होगा नहीं देखेंगे।
प्यारा भारत न्यू इंडिया बन गया है अब यह सारी तस्वीर वहीं से आ रही हैं ,रोजगार के सवाल पर जवाब है पर्यटन बहुत बढ़ गया है अकेले इसी क्षेत्र में 2 करोड़ लोगों को रोजगार मिल गया बाकी जाने दीजिए सरकार ने 17 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन दिया है यानी 19 करोड़ तो रोजगार पा गए खाली 2 जगह ही बाकी और भी जगह हैं जहां रोजगार मिला है यानी सरकार ने अपने वादे से ज़्यादा रोजगार दे दिया है कहा तो 2 करोड़ था दिया 4 करोड़ कितने दरिया दिल हैं बादशाह सलामत अगर उसके बाद भी कोई उनका विरोध करे तो यह सिर्फ उसकी साजिश है सच नहीं।

सरकार के जवाब में जाने क्यों लोग सवाल करते हैं कि सरकार आखिर बेरोजगारी के आंकड़े क्यों नहीं दे रही पिछले कई सालों से यह लुकाछिपी क्यों? जवाब मिलेगा अजी आप क्यों देखेंगे जब हम ऐलान कर चुके हैं नहीं देखेंगे,बेरोजगार बेचारा साफ हुई गंगा में कूद गया आवाज़ अाई छपाक कुछ लोग वहीं पर बोले नहीं देखेंगे।
रोहित वेमुला फांसी पर झूल गया ,नदीम को सीबीआई नहीं ढूंढ पाई ,राफेल की फाइल चोरी हो गई,सरकार के समर्थक से विरोधी बोला भय्या सरकार का कारनामा कुछ देखोगे समर्थक गुस्साया बोला सुना नहीं क्या कहा गया है नहीं देखेंगे एक धक्के में विरोधी नाले में आवाज़ अाई छपाक।
साहिब प्याज महंगी है ,तेल महंगा है धंधा मंदा है लोग कह रहे हैं देश में मंदी है जवाब है वित्त मंत्री प्याज नहीं खाती तो प्याज से क्या लेना देना,सरकारी लोगों की जेब से तेल का पैसा नहीं जाता तो तेल की महंगाई से क्या गरज़,रही बात धंधे की मंदे होने की तो किसने कहा सियासत का धंधा तो सब चंगा सी मतलब साफ है यह सब विपक्ष का दुष्प्रचार है इससे बचिए जो सरकार कहे उतना सुनिए वही सोचिए और वही समझिए।
देश की बेटियां पीड़ित हैं ,कुछ कीजिए सड़कों पर वहशी घूम रहे हैं जवाब साफ है ठीक है बेटी को जेल में डाल दो सुरक्षित हो गई चिन्मयानंद को अस्पताल भेजो बहुत बीमार हैं,एक सुरक्षा का और तरीका है बेटी पर ट्रक चढ़ा दो अगर इससे बात न बने तो कैलाशा बसा दिया गया है ऐसे लोगों को वहीं भेज देते हैं,अरे सिर्फ इतना ही नहीं सत्ता के सिकंदर को मत छेड़िए वरना कहते हैं सारे शहर में आग लगा देंगे,आपने सुना होगा ही कैलाश विजयवर्गीय को देखा तो नहीं होगा क्योंकि आप पहले ही कह चुके हैं नहीं देखेंगे।
बेटियों के सर फूट गए है दिल्ली में , राड,लाठी डंडे चले हैं आवाज़ अाई है छपाक ओह हुज़ूर नहीं देखेंगे,पूरे मुल्क में जनता लाखो लाखो की तादाद में मार्च कर रही है ,हैदराबाद में मिलियन मार्च हो रहा है ,तिरंगा यात्रा पूरे देश में चल रही है दिल्ली में ही महिलाएं बच्चे सब सड़क पर हैं मगर मजाल है जो साहिब देखें आखिर बात के धनी जो है कह दिया तो कह दिया नहीं देखेंगे।
अब कौन ऐसे में भला अर्थव्यवस्था के डूबने की बात करे,आखिर जीडीपी के आंकड़े कोई किसे दिखाए ,आप ही बताइए जब एक बार कह दिया न नहीं देखेंगे तो नहीं देखेंगे अब आप एसिड पीड़ित बच्ची की व्यथा बयान करना चाहते हैं ऐसे में तो यही ऐलान होना था नहीं देखेंगे छपाक।

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