यह बड़ा रोचक खेल है जनाब इसे सियासत कहते हैं और इस खेल में मोहरा हैं हम और आप खिलाड़ी चाल चलेगा जीत भी सकता है और हार भी लेकिन पिटेगा हर हाल में मोहरा ही सो अब शोर कैसा ?
आप सोच रहे हैं न कि यह नया राग कहाँ से अलापने लगा मैं ? तो सुनिए राग नया नहीं है बस बदले मौसम की नई सुबह में सुना रहा हूँ तो आपको अजीब लग रहा होगा वैसे खबरें तो दुबारा से सुनने लगे हैं आप क्योंकि आपका विश्वास थोड़ा थोड़ा जागने लगा है मीडिया में भी और लोकतंत्र में भी तो खबर तो सुनी होगी हिमांचल में जावेद की दुकान लूट ली गई है और अब जावेद को ही पुलिस ढूँढ रही है क्योंकि जावेद एक ख़ास धर्म से आता है और मुहब्बत की दुकान हिमांचल में खुली हुई है यह पता है आपको ?
जी हाँ जिस कांग्रेस को आपने झोली भर भर के वोट दिये हैं उसी की सरकार इस पहाड़ी प्रदेश में है जहां यह कार्यवाही होनी तय पाई है और सरकार अपने इस कारनामे पर अपनी पीठ थपथपा रही है । जावेद दरअसल सहारनपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और उसने अपने घर पर क़ुर्बानी की और नादानी में उसकी फोटो शेयर कर दी बस फिर क्या था अतिवादी झुंड सक्रिय हो गया और पहुँच गया हिमांचल में जावेद की दुकान लूटने और फिर उसने पूरी तन्मयता से अपना काम अंजाम दिया इस दौरान हालाँकि हिमांचल पुलिस के जवान मुस्तैदी से मूक दर्शक बने निहारते रहे कि कहीं अतिवादी संगठनों के लोगों को इस लूट पाट में किसी तरह की परेशानी न हो जाये ।
जब लूट पाट ख़त्म हो गई तो स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने अतिवादी भीड़ को भरोसा दिलाया कि जावेद के ख़िलाफ़ अभियोग पंजीकृत कर जल्द उसे गिरिफ़्तार किया जायेगा कैसा लगा आपको न्याय?
सच बताइए दिल बाग बाग हुआ कि नहीं आख़िर मुहब्बत की दुकान में होने वाले इस न्याय से आप संतुष्ट हुए होंगे ? सच ऐसा ही डरावना होता है अब इस दुकान के मालिक को फ़ैसला करना है कि उसे सुक्खू के सुख में दख़ल देना है या सिर्फ़ भाषणवीर की नई उपाधि प्राप्त करनी है ? यह कोई नई बात नहीं है कांग्रेस सहित लगभग सभी कथित सेक्युलर दलों में बैठे नफ़रतवादी पूरी ताक़त की साथ अपना काम अंजाम दे रहे हैं और मुहब्बत की दुकान पर ताला जड़ने का अपना कुत्सित प्रयास कर रहे हैं और काफ़ी हद तक सफल भी हैं ।
फ़िलहाल सूचना समाप्त हुई हिमाचल में मौसम ख़ुशगवार है और वर्ग विशेष को देश निकाला दिये जाने के ऐलान साफ़ सुने जा रहे हैं शिमला की पहाड़ी हों या धर्मशाला की हरियाली सबको एक रंग में रंगने की गूंज है अब सुक्खू सरकार राहुल की बात मानती है या सेक्युलर भेष में छिपे कांग्रेसी नफ़रती गैंग की यह देखना है !वैसे राहुल की सच वाली बात इस गैंग को समझ नहीं आती है और अंदर खाने यह मंडली उसके ख़िलाफ़ काम करती रहती है ख़ैर
बाक़ी सब कुशल मंगल है देश में !!