महिला बिल पर बोले ऑल इण्डिया उलमा व मशायख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष
19 सितंबर ,मंगलवार नई दिल्ली
आज 19 सितंबर को भारत के नए संसद भवन में पहला बिल ” नारी शक्ति वंदन बिल” प्रस्तुत किया गया इस बिल के पारित होने के बाद देश की संसद सहित सभी विधान सभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलेगा इस विषय पर बात करते हुए ऑल इण्डिया उलमा व मशायख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कहा कि यह स्वागत योग्य फैसला है,उन्होंने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इस्लाम ने महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया बल्कि उन्हें बराबरी का अधिकार दिया ।
यह महीना पैगंबर की आमद का महीना है और मुसलमान जश्न मना रहे है जनाबे रहमतुल्लिलआलमीन ने महिलाओं को अधिकार दिया आपकी आमद से पहले बेटियों को जमीन में जिंदा दफन कर दिया जाता था , बेवा औरतों के साथ जानवर से बदतर बर्ताव किया जाता था,औरतों को किसी तरह का कोई अधिकार नहीं था ऐसे माहौल में पैगंबर ने लड़की को घरवालों के लिए रहमत बना कर पेश किए,महिलाओं की विरासत में हिस्सा मिला और संपत्ति में उनको उनका हिस्सा दिया गया औरतों को इज़्ज़त बख्शी गई इसलिए एक मुसलमान होने के नाते हमारी भारतीय बहनों को अगर हक मिल रहा है तो हम खुशी का इजहार करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए दोहरी खुशी की बात है क्योंकि यह बिल जब लाया जा रहा है तब अल्लाह के रसूल की विलादत का महीना चल रहा है यानी रहमते आलम की आमद पर यह एक तोहफा हमारी भारतीय महिलाओं की मिल रहा है। हज़रत ने कहा पैगम्बर की तालीम ने आदमी को इंसान बनाया मुहब्बत और इंसाफ ने हमें अमन के साथ जीना सिखाया है और इंसाफ मर्दों के साथ औरतों को भी उनके वाजिब और जायज़ हक दिया जाना ही है।

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