चलिए हम सब मिलकर गांधी को मार देते हैं आप भी यही सोच रहे होंगे मगर अपने विचार को व्यक्त नहीं कर पा रहे होंगे तो चलिए मैं आपकी भावनाओं को व्यक्त कर देता हूं आखिर यह इच्छा जो वर्षों वर्ष से आपके दिल में हैं अब तक जो भारत के लोगों ने पूरी नहीं होने दी आखिर कैसे पूरी की जाये इसपर विचार किया जाना चाहिए।
एक बार गोली भी मारी चिता में जला भी दिया गया लेकिन यह मरता ही नहीं है आखिर कैसा अमृत पी लिया है इसने ? शरीर से भी दुबला पतला एक बूढ़ा लेकिन एक नवजवान की गोली खाने के बाद भी ज़िंदा ही है ,और लोग तो बूढ़े होते हैं समय के साथ यह तो दिन प्रतिदिन जवान हो रहा है,आखिर अब इसके लिए विचार करना होगा कल तक तो यह सिर्फ अकेला था मगर शायद गोडसे की गोली से जो खून की बूंदे गिरी हर बूंद से हज़ार हज़ार गांधी पैदा हो गए आज भारत में जिधर देखिए गांधी नजर आ रहा है,अब क्या किया जाए?
यह तो तय है कि गांधी को गोली या बम से नहीं मारा जा सकेगा तो फिर आखिर वह कौन सा हथियार है जिससे गांधी को मारने में सफलता मिले? अब इसके लिए बड़े विचारकों को मंथन करना पड़ेगा क्योंकि हत्यारे के महिमामंडन से भी काम नहीं हुआ बल्कि प्रतिक्रिया में और ताकतवर हो गया गांधी!!
अब तो गांधी ने महिला और पुरुष का भेद भी लांघ लिया है आपने देखा नहीं जामिया से लेकर जेएनयू तक अलीगढ़ से लेकर कोलकाता तक गांधी महिलाओं के रूप में देखा गया वही आवाज़ वहीं नारे वही ज़ालिम को ज़ुल्म से रोकने के तरीके के साथ,हालांकि इस बार कोई गोरा मुकाबले में नहीं था बस पुलिस थी लेकिन लाठियों के बदले फूल यह किसने सोचा था यह गांधी भी अगर मार डाला गया होता तो कम से कम यह दिन तो देश को न देखना पड़ता आखिर लाठी के बदले फूल यह कैसा देश बना रहा है यह गांधी?
शाहीनबाग में यह एक साथ कितने गांधी आ बैठे बीच बीच में मीर जाफर और जयचन्द की मौजूदगी भी इसे मारने नहीं दे रही है आखिर अब वक़्त है कि हम सर से सर जोड़कर बैठे और फिर एक प्रयास करें गांधी को मारने का अगर इसे नहीं मारा गया तो नई ईस्ट इण्डिया कम्पनी और कंपनी राज कैसे आयेगा हम सब को सोचना होगा कि अगर यह बूढ़ा प्रहरी नहीं मारा गया तो गरीब तो हक मांग लेगा और हमें देना होगा।
हां खतरा यह भी है कि दलितों को सम्मान के साथ बराबरी का दर्जा भी देना पड़ सकता है,आदिवासियों को उनके अधिकार देने होंगे ,भ्रष्टाचार ख़तम करना होगा और अगर ऐसा होगया तो फिर सब बिगड़ जायेगा,मगर अब एक समस्या और आ गई है अब देश में कोई जिन्ना नहीं है जिसकी आड़ लेकर आसानी से गांधी को मारा जा सके आखिर क्या योजना बनाई जाए जो हम गांधी को मार कर भी हीरो बन जाएं ?
पूरा देश गांधी हुआ जा रहा है किस किस को मारेंगे अब तो यह भी एक समस्या है गोली,लाठी,जेल जैसी चीजों से यह डरता ही नहीं है गाली देने पर दुआ देता है ,पत्थर मारने पर पानी पिलाता है आज पूरे भारत में यही तो दिख रहा है हर तरफ यही तो हो रहा है ,कोई गांधी लाखों की भीड़ के बावजूद जाम नहीं लगने दे रहा है ,कोई गांधी खाना खिला रहा है,कोई गांधी पानी पिला रहा है यह सब अपनी जगह यहां तो समय के साथ एक और समस्या आ खड़ी हुई है सोशल मीडिया ,अब इनके पानी में ज़हर मिला है यह भी नहीं कहा जा सकता आखिर सब देख जो रहे हैं।
इतना प्रयोजन किया गया मगर हत्यारा हीरो ही नहीं बनता और गांधी विलेन जहां देखिए ईश्वर अल्लाह तेरो नाम की बात है, हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई एक जगह बैठकर इबादत करते नजर आ रहे हैं अब मुट्ठी भर क़ातिल क्या कर सकते हैं जब इतने गांधी एक साथ हों तो कैसे होगा यह क़त्ल? मुझे लगता है एक सेना गांधी को मारने के उद्देश्य से बना देनी चाहिए ,सिर्फ इतना ही नहीं गांधीगिरी को आतंकवाद माना जाना चाहिए और गांधी को आतंकवादी,यह ज़रूरी नहीं है कि हाथ में बम या गोली हो फूल भी खतरनाक हथियार होता है इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
लोगों को खाना खिलाना और पानी पिलाना राष्ट्रद्रोह घोषित किया जाना चाहिए मुझे लगता है अगर हम यह कर सके तो हम कामयाब हो सकते हैं गांधी को मारा जा सकता है,मीठे बोल वचन को भी आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अपराध घोषित कर देना चाहिए,एवम् सर्वधर्म समभाव जैसी बातों को राष्ट्र का अपमान बताया जाना चाहिए और अलग अलग धर्मों के लोगों का एक जगह एकत्रित होना असंवैधानिक घोषित कर दण्डित करने का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए। मैं गांधी के क़त्ल की योजना के संबंध में इतना ही सोच सका आप भी गौर से सोचिए जब योजना बन जाए तो आइए गांधी को मारा जाये क्योंकि गांधी एक विचार है इस देश कि समृद्धि का इस देश की शक्ति का प्रतीक है गांधी अहिंसा का पुजारी है तो फिर आपके लिए खतरा तो है न?
और आप खतरे को क्यों पालेंगे ? गांधी जीवित रहा तो कंपनी राज वापिस नहीं आ सकेगा ,गांधी जीवित रहा तो अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सड़क पर रहेंगे,गांधी जीवित रहा तो पूंजीपति गरीबों का हक बहुत दिन तक नहीं मार पाएंगे ,गांधी अगर जीवित रहा तो हर ज़ुल्म के खिलाफ आवाज उठेगी ,गांधी जीवित रहा तो हिंसा किसी आंदोलन का रास्ता नहीं रोक सकेगी और अगर गांधी ज़िंदा रहा तो देश एकजुट रहेगा ,शांति रहेगी लिहाज़ा अगर यह सब नहीं चाहते हैं तो आइए चलें गांधी को मार दें। आप तैयार हैं तो गोडसे को आदर्श बनाइए और गांधी को मार दीजिए।
यूनुस मोहानी
9305829207,8299687452
younusmohani@gmail.com

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