हे राम !!!! जय श्रीराम…….

गांधी से गोडसे तक का सफर जब हम तय कर चुके तो अब कैसे विचलित होने का भी हमें हक है आप बताइए गांधी के अंतिम शब्द थे हे राम कितना कुछ समाया था इन दो शब्दों में कितना दर्द था ,कितनी आस्था थी,कितना प्रेम था,अब आइए चलते हैं भारत से निकलकर ज़रा न्यू इंडिया में ।
जी हां न्यू इंडिया वहीं न्यू इंडिया ,जो प्रचारों में बहुत विकसित हो चुका है ,विकास की धारा नहीं बाढ़ अाई हुई है, रेल गाड़ी पुराने दौर की बात हो गई यहां तो बुलेट ट्रेन सरपट दौड़ती है,बस स्टैंड की क्या ज़रूरत बची आखिर देश में एयरपोर्ट का जाल बिछ गया है दूरियां समाप्त हो चुकी हैं ,किसान अपनी खुशी संभाल नहीं पा रहा है इतनी समृद्धि की पूछिए मत हालत ऐसी हो गई है कि मारे खुशी के मरा जा रहा है।
जात पात का बंधन टूट चुका है दलित अब अछूत नहीं है आपने देखा नहीं अभी चुनावों में कहां कोई जात बची इसलिए कोई बड़ी ज़ात छोटी जात का फर्क नहीं बचा तो आरक्षण भी खतम होना ही है ,खैर जाने दीजिए यह सब तो आप खुद जानते हैं मै क्यों बताऊं सुबह से शाम तक टीवी एंकर आपको चीख चीख कर यह सच तो बता ही रहे हैं।
न्यू इंडिया में बेरोजगारी कोई समस्या नहीं है,गरीबी तो बिल्कुल भी नहीं,अस्पताल की जरूरत नहीं है क्योंकि ईश्वर जिसे चाहे वही स्वस्थ्य रहेगा और जिसे न चाहे वह तो मरेगा ही आखिर नियति है तो यह सब कोई मसला नहीं है।

न्यू इंडिया में सबसे बड़ा जो मसला है वह है धर्म की परिभाषा, क्योंकि न जाने आजादी के बाद से अबतक क्या होता रहा मूल विषय पर कोई काम ही नहीं हुआ जो सबसे बड़ा मसला है ,हर समय तुष्टिकरण की बात अब न्यू इंडिया में ऐसा नहीं होगा क्योंकि हमने समस्या का कारण जान लिया है।
देश की बहुसंख्यक आबादी को मुट्ठी भर मुसलमानों से बहुत खतरा है आखिर यह समझने में 70 साल लग गए देश की गरीबी का मुख्य कारण यही मुसलमान हैं, युवा बेरोजगार हैं क्योंकि देश की सरकारी नौकरी में 1%से काफी कम हिस्सा इन मुसलमानों ने कब्ज़ा कर रखा है तो भला बाकी लोगों को नौकरी कैसे मिलेगी आप ही बताइए?
सिर्फ इतना ही नहीं निजी क्षेत्र में भी यह कब्ज़ा किए हुए हैं लगातार यह हमसे सबकुछ छीन रहे हैं ,बीमारी इनकी वजह से होती है जाम इनकी वजह लगता है यह ही समस्या की जड़ है। तो क्या किया जाय ?
चलो अब इस समस्या को हमें खुद समाप्त करना होगा ,कैसे बहुत आसान है चलो गोडसे बाबा की कुर्बानी से कुछ सीख ली जाय ,मतलब यार साफ है समस्या को समाप्त कर दिया जाए।

अब तो तुष्टिकरण वाली सरकार भी नहीं है तो समस्या समाप्त करते हैं ,आखिर प्रभु राम खुश होंगे कि भक्तों ने काम शुरू कर दिया ।।।।।
क्या सच में राम खुश होते हैं चीखे सुनकर एक मजलूम की? क्या राम खुश होते हैं किसी से ज़बरदस्ती उनकी जय बुलवाने से? क्या मर्यादा पुरषोत्तम के भक्त बनने के लिए बेगुनाह लोगों की बलि ज़रूरी है ?
वैसे हे राम और जय श्रीराम के बीच सालों का फासला है,क्योंकि हे राम दिल की आवाज़ का नाम है ,यह हत्यारे का नारा नहीं है बल्कि संत की आत्मा की आवाज़ है।
अब न्यू इन्डिया में जहां दलित बस्तियां जला दी जाती है,जो राम को अपनी नाव पे ले जाते हैं उनके वंशजों को पीटा जाता है ,शबरी के झूठे बेर राम खाते हैं लेकिन दलित होने का ताना सुन कर मेडिकल की छात्रा खुदकुशी कर लेती है ।
रोहित वेमुला फांसी पर झूल जाता है, ऊना में राजस्थान में मध्य प्रदेश ,बिहार में दलितों को पीटा जाता है महिलाओं से बलात्कार किया जाता है।
मैं यहां अखलाक ,जुनैद, पहलू,सरफराज और ऐसे बहुतेरे मुस्लिम नामों का कोई जिक्र नहीं कर रहा हूं क्योंकि यह तो समस्या के रूप में चिन्हित कर लिए गए हैं इसीलिए व्यवस्था शांत है कानून मौन और भीड़ फैसला सुना रही है।

मैं आपको सिर्फ दलित और आदिवासियों की बात बता रहा हूं जिनके पूर्वज श्री राम के सहयोगी थे उनके स्नेह पात्र थे। हालांकि भारतीय मुस्लिम भी अधिकतर इन्हीं पूर्वजों की संताने हैं लेकिन अब वह मुसलमान हैं तो उन्हें तो धर्म का गद्दार माना जायेगा ।
आप सब अब न्यू इंडिया में हैं इस बात को महसूस कीजिए यह हे राम वाले गांधी का देश नहीं है यह न्यू इंडिया है यहां का नया नारा है जय श्री राम ।
मेरे लिए राम शब्द सम्मान का विषय है क्योंकि मैं उनका सम्मान करता हूं तो उनके नाम को मैं कम से कम किसी हिंसा के लिए उपयोग नहीं कर सकता।
क्या आप राम का सम्मान करते हैं ? तो बताइए आप हिंसा और उन्माद के लिए लगाए गए किसी नारे के साथ हैं या दिल की आवाज़ हे राम के साथ?
वैसे याद रखिए राम को इमामे हिन्द मानने वाली कौम जब जय श्री राम कह कर मारी जाती है तो राम खुश नहीं होते बहुत दुखी हैं मेरे राम, इनको सद्बुद्धि दे भगवान …………. हे राम!!!!!!

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