पश्चिम बंगाल में देश के गृहमंत्री माननीय अमित शाह जी ने बयान दिया है की पाकिस्तान के विरुद्ध भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर से देश का मुसलमान खुश नहीं था इसलिए ममता बनर्जी विरोध कर रही हैं !
गृहमंत्री के इस बयान के बाद राजनैतिक गलियारों में भूचाल आ गया और मुसलमानों की पैरवी में और माननीय गृहमंत्री जी के वक्तव्य के विरोध में समूचा विपक्ष उतर आया है लेकिन अभी तक एक भी मुसलमान ने इस संबंध में अपनी ज़बान नहीं खोली है और माननीय अमित शाह जी के बयान का प्रतिकार नहीं किया है ।
आप मेरे इस खुलासे से ग़ुस्सा हो सकते हैं या परेशान हो सकते है कि मैं कैसे अमित शाह जी के बयान का समर्थन कर रहा हूँ और किस आधार पर कह रहा हूँ कि उनका कथन सही है लेकिन मेरे पास अपनी बात साबित करने के तर्क हैं जबकि विपक्ष जो बात कह रहा है उसमें विशुद्ध राजनीत के सिवा कुछ नहीं है ! अमित शाह बंगाल में ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से वोट की राजनीत कर रहे थे और वह जानते हैं कि बंगाल में मुसलमान अधिकतर बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट करेगा और हिंदुओं को एकजुट करने के लिए देशभक्ति का तड़का आवश्यक है तो उन्होंने यह बात कही लेकिन इस सच से तो शायद वह भी अनभिज्ञ रहे हों कि वह जो कह रहे हैं वह १०० प्रतिशत सत्य है !
अब आप मुझसे मेरी बात का सुबूत माँगेगे कि आख़िर आप किस मुसलमान की बात कर रहे हैं जो ऑपरेशन सिंदूर से ख़ुश नहीं और अपनी बात को साबित करने के लिये अपनी देशभक्ति का बखान करेंगे लेकिन सुन लीजिए यहाँ बात देशभक्ति के बखान की नहीं है और न ही मैं आपकी देशभक्ति को चैलेंज कर रहा हूँ हाँ एक बात और मैं किसी को देशभक्त और देशद्रोही का सर्टिफिकेट भी नहीं बाटने का दावा कर रहा लेकिन मैं जो कह रहा हूँ वह बड़ा सच है !!
मेरी इस बात को आप सेना का मनोबल गिराने वाली बात हरगिज़ मत समझिएगा एक बात और बता दूँ भारतीय मुसलमान अपनी सेनाओं के शौर्य और पराक्रम का कायल है और उसे सलाम पेश करता है उसके सम्मान में कोई ग़लत बात बर्दाश्त भी नहीं करता यह बात भी उतनी ही सच है जितनी अमित शाह जी की बात ।
जरा सोचिए देश का गृहमंत्री इतनी बड़ी बात उस समय कर रहा है जब भारत ने दुनिया में पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल पूरी दुनिया में भेजे हुए हैं जिसमे पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसद शामिल है इतना ही नहीं इसमें मुसलमान भी शामिल हैं और मुस्लिम देशों के हुक्मरानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि पाकिस्तान दरअसल एक आतंकवादी मुल्क है ।ऐसे समय में देश का नंबर 2 देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी के बारे में ऐसी बात कहता है तो बात गंभीर होती है ?
जबकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुसलमानों को देशद्रोही करार देने का काम उनके ही द्वारा किया जा रहा है इस काम में अन्य लोग भी लगे हैं यही वजह है मध्य प्रदेश के ग्रह मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर निहायत आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी और सत्ताधारी दल ने उनपर कोई कार्यवाही करने की जुर्रत नहीं की इसी तरह हरियाणा वाले विधायक जी भी अपना काम कर ही रहे हैं ।
वैसे एक बात और है कि सुब्रमण्यम स्वामी भी ऑपरेशन सिंदूर से खुश नहीं दिखते लेकिन अमित शाह ने उनके लिए कुछ नहीं कहा वही उन ख़बरों को ब्रेक करने वाले पत्रकारों को भी कुछ नहीं कहा जिन्होंने देश के नुक़सान को लेकर खबरे चलाई साथ ही भारतीय युद्ध विमानों को लेकर सवाल उठाए?जब देश से देश के पैसे पर जो प्रतिनिधिमंडल गए हुए हैं बाक़ी देशों को संदेश देने की पाकिस्तान ने हमारे साथ क्या धूर्तता की है और भारत के पक्ष में माहौल बनाने जोकि भारत का डंका बजवाने वाला विदेश मंत्रालय नहीं कर पाया और न ही विदेश मंत्री जी वही वाले मंत्री जी जो ट्रम्प जी के शपथ ग्रहण का इंविटेशन कार्ड भी देश के मुखिया के लिए हासिल नहीं कर पाये और साथ ही पाकिस्तान को जानकारी देते फिर रहे हैं यह मेरी बात नहीं है यह उनका ख़ुद का बयान है कि हमने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले से पहले पाकिस्तान को बता दिया था अब यह भी पता नहीं ऑपरेशन सिंदूर से ख़ुश थे या नहीं ?? यह बात तो सरकार जाने या सरकार के प्रधानमंत्री जनता ने तो यही देखा ??हाँ बात कर रहा था प्रतिनिधिमंडल की जिसमे बीजेपी के सांसद अरब देशों में जाकर बेचारे हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें अपनी बात समझा ले यहाँ तक की महिला सांसद ने तो अपने गायन कौशल का इस्तेमाल भी किया देश के लिए यह जज्बा लायके एहतराम है ??
अब अमित शाह जी की बात करते हैं जिनके बयान पर राजनैतिक आंधी तूफान आया है, उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज़ में कहा है कि देश के मुसलमान ऑपरेशन सिंदूर से ख़ुश नहीं थे जबकि सारे ग़द्दार जासूस अब तक चाहे वह सेना के भीतर छुपे हो या फिर सेना के बाहर के यूट्यूबर जैसे सब मुसलमान नहीं है इन सबने पहलगाम की रेकी से लेकर हर काम किया ऐसा कहा जा रहा है लेकिन फिर भी यह खुश हैं या खुश थे क्योंकि वह भारतीय मुसलमान नहीं हैं ?
वैसे युद्ध से पक्षियों में चील कौव्वे और गिद्ध खुश होते हैं और पशुओं में कुत्ते और भेड़िए जबकि इंसान की शक्ल में रहने वाले हैवान खुश देखे जाते हैं बाक़ी सब युद्ध को बुरा समझते हैं और उससे ख़ुश किसी क़ीमत पर नहीं होते क्योंकि जंग मसलो का हल नहीं होती बल्कि ख़ुद एक मसला होती है और अपने पीछे छोड़ जाती है पीड़ा ही पीड़ा लाशों की दुर्गंध और बर्बादी अब बर्बादी पर ख़ुश कौन हो सकता है ?
लेकिन जब युद्ध थोपा जाए तो युद्ध से भागना भी कायरता कहलाती है और भारत के वीर कायर तो नहीं ? ऐसे में थोपी गई विभीषका का अंत तो करना ज़रूरी होता है तो पाकिस्तान के दुस्साहस का जवाब वाजिब और इससे कोई दुख संभव ही नहीं यह वजह है कि देश में सबसे अधिक मौजूदा सरकार के ख़िलाफ़ बोलने वाले मुस्लिम सांसद असदउद्दीन ओवैसी सरकार के साथ खड़े दिखते हैं देश के हर कोने का मुसलमान सेना को सपोर्ट करता दिखाई देता है लेकिन ज़रूर कोई वजह तो है कि ऑपरेशन सिंदूर से मुसलमान खुश नहीं ??
तो सुनिए गृहमंत्री जी मुसलमानों का जवाब सुन लीजिए उससे पहले एक बात और सुन लीजिए इस देश का 80 प्रतिशत से अधिक नागरिक इससे खुश नहीं है वजह यह है कि देश इंतज़ार कर रहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर पर वापिस भारत का क़ब्ज़ा होगा हमारी सेना के शौर्य के आगे जिस तरह पाकिस्तान ने घुटने टेके थे देश को आस थी कि हम एक बार फिर नापाक को टुकड़ों में बांट देंगे और ब्लोचिस्तान को अलग कर दम लेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ लिहाजा देश नाखुश है ।
देश का मुसलमान ऑपरेशन सिंदूर से नाखुश इसलिए है कि पहलगाम के मुजरिम अभी तक गायब हैं और बार्डर पर रहने वाले भारतीयों को अपनों की लाशें उठानी पड़ी हैं ! देश का मुसलमान इसलिए नाखुश है कि भारत ने अमेरिका के कहने पर सीज़फ़ायर किया ऐसा डोनाल्ड ट्रम्प दावा कर रहे हैं !और हाँ देश का मुसलमान नाखुश है क्योंकि अभी भी पाक अधिकृत कश्मीर में न-पाक का झंडा लहरा रहा है ।
देश का मुसलमान ऑपरेशन सिंदूर से नाखुश नहीं है वह नाखुश है इसे बीच में रोके जाने से और इसके राजनैतिकरण से, ऑपरेशन सिंदूर से जोड़कर प्रोग्राम सिंदूर चलाये जाने से और इससे सिर्फ़ भारत का मुसलमान ख़ुश नहीं है ऐसा नहीं है बल्कि हर सच्चा भारतीय नाखुश है और यही सच है क्यो ? फ़ैसला आपका है बताना भी आपको है !