12 मार्च 2024 मंगलवार नई दिल्ली
आल इंडिया उलमा व मशाईख़ बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफ़ी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सैयद मुहम्मद अशरफ़ किछौछवी ने केंद्र सरकार द्वारा सीएए क़ानून का नोटिफिकेशन जारी करने पर मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह के बहकावे में आने की ज़रूरत नहीं है , चुनाव का वक़्त है और लोग मुसलमानों को बहकाने में लगे हैं ।
उन्होंने कहा कि पीड़ित को नागरिकता देने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन इसपर धर्म की बंदिश हमारे संविधान के मूल विचार पर प्रहार जैसी है , इस विषय में सरकार को पुनः विचार करना चाहिए जिस तरह अन्य धर्मों के लोग पीड़ित हैं वैसे मुसलमान और ईसाई भी पीड़ित हैं उन्हें इस क़ानून से बाहर रखना न्याय सम्मत नहीं है ।
हज़रत ने कहा लेकिन भारत के मुसलमानों को घबराने की ज़रूरत नहीं है यह किसी की नागरिकता छीनने का क़ानून नहीं है और वैसे भी भारत में जन्मे हर नागरिक का यह देश है किसी को इससे निकाला नहीं जा सकता, भारतीय मुसलमानो ने भारत को चुना भी है और वह यहाँ पैदा भी हुए हैं इसलिए किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है ।
उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि जिस तरह का क़ानून लाया गया उससे एक चीज़ अवश्य प्रभावित होगी और वह है डीमोग्राफ़ी , पूर्वोत्तर के राज्यों में यह बड़ा संकट बन कर सामने आ सकता है क्योंकि वहाँ के आदिवासियों पर इसका प्रभाव पड़ना तय है सीधे तौर पर भारतीय मुसलमानों का इस क़ानून से कोई मतलब नहीं है सिवा इसके कि इसमें धर्म के आधार पर प्रतिबंध को शामिल किया गया है ।
उन्होंने साफ़ शब्दों में सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की बात कहते हुए मुसलमानों से इस संबंध में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न देने की बात कही ताकि कोई इससे चुनावी फ़ायदा न उठा सके ।

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