इज़राइल की ज़िद्द के खिलाफ कड़े कदम उठाने चाहिए

28 अक्टूबर बग़दाद इराक़
ऑल इण्डिया उलमा व मशाईख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने कल पूरी दुनिया द्वारा इज़राइल से युद्ध विराम की अपील के बाद इज़राइल द्वारा इसे मानने से इंकार करने पर कहा गया है कि बेबस आवाम को निशाना बनाने वाली बरबरियत बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों को निशाना बनाने के साथ अस्पतालों और स्कूलों को तबाह करने वाली लड़ाई अगर बंद नहीं होती तो इससे पूरे विश्व की शांति भंग होने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि इज़राइल ज़िद्द पर अड़ा है और मानवता चीख रही है ,पूरा मध्य पूर्व एशिया बारूद की गंध से घिरा है।

ऐसे में हमें इज़राइल के इस बर्बर कृत को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए ,उन्होंने कहा कि अब भारत में ऑल इण्डिया उलमा व मशाईख बोर्ड स्वदेशी आंदोलन शुरू करेगा,भारत के सभी नागरिकों से हम अपील करेंगे कि मानवता को समाप्त करने में लगे जिद्दी देशों के समान न खरीद कर सिर्फ भारत में बने समान खरीदे जाए।
उन्होंने कहा अंग्रेजों से भारत को आज़ाद कराने के लिए हमारे बुजुर्गों ने इस आंदोलन का सहारा लिया और मौलाना हसरत मोहानी इस आंदोलन के ब्रांड एंबेसडर बने और भारत में पहला स्वदेशी स्टोर खोला।

अब फिर वक्त आ गया है कि हम ज़ालिम को ऐसा सबक सिखाएं कि जिससे हमारे देश को भी बड़ा फायदा हो और ज़ालिम को आर्थिक नुकसान भी।
हज़रत ने लोगों से स्वदेशी आंदोलन में जुड़ने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सिर्फ नारों से बात नहीं बनती बात तब बनेगी जब हम अपने मुल्क को मजबूत करें और ज़ालिम को कम से कम आर्थिक चोट तो पहुंचाएं, लिहाज़ा भारत के सभी संगठनों से इस मुहिम में साथ आने की अपील है, इस आंदोलन को चलाया जाए जिससे जहां हमारे देश के उत्पादकों को फायदा होगा और हमारे देश की तरक्की होगी वहीं ज़ालिम को नुकसान यह समझदारी से काम लेने का समय है ,हमें भारत के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए इस मुहिम को सफल बनाना है क्योंकि बात देश की है इसलिए इसमें सभी धर्मों सप्रदायों को साथ आना होगा।

उन्होंने कहा कि हम किसी भी तरह के आतंकवाद का समर्थन नहीं करते चाहे वह किसी भी रूप में हो,हमारे मुल्क भारत का भी यही विचार है ,भारत सरकार भी फिलिस्तीन की आज़ादी और उसकी समप्रभुत्ता की पक्षधर है और युद्ध विराम के लिए प्रयासरत है, भारत ने मजलूम फिलिस्तीनियों के लिए राहत सामग्री भी भेजी है जो हमारे मुल्क की पीड़ितों के साथ खड़े होने की इच्छाशक्ति को प्रदर्शित करता है । मानवता की रक्षा और देश की तरक्की दोनों हमारा कर्तव्य है जिसे हमें निभाना होगा जिसके लिए स्वदेशी आंदोलन की शुरुवात जरूरी है ।

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