आईसीयू अब स्टूडियो है आइए लाइव मौत का रोमांच देखें।


मीडिया अपनी ज़िम्मेदारी निभाने मुजफ्फरपुर पहुंच गया है आपको बधाई है ,क्योंकि बंगाल में अब फजीहत शुरू हो गई थी लिहाज़ा लोकेशन तो बदलनी ही थी ,वैसे भी हम भारतीयों को रोमांच बहुत पसंद है चाहे वह भारत पाकिस्तान मैच का हो या सर्जिकल स्ट्राइक का, रोमांचक तो संसद भवन में जय श्री राम और अल्लाहु अकबर का नारा भी बहुत है खैर आइए अब सीधे आईसीयू में चलते हैं जहां से आपको दिखाएंगे नौनिहालों की लाइव मौतों का रोमांच।

आप तैयार हैं देखिए चैनल छोड़ कर मत जाइएगा टीआरपी की ज़िम्मेदारी आपकी है आखिर हम हैं नंबर वन चैनल तो फिर देखिए कैसे मरते हैं इलाज के बिना बच्चे, यह देखिए मॉनिटर इसमें से जो बीप बीप की आवाज़ आ रही है इसे देखिए, सुनिए ,महसूस कीजिए अपनी नज़रे जमाए रखिए ,अभी यह बीप की आवाज़ एक लम्बी बीप में बदलेगी और पूरे माहौल में इस बच्चे की मां की चीखे गूंजेगी, हम आपको लाइव दिखा रहें हैं सिर्फ हमारे चैनल पर है यह लाइव मौत!
विडंबना देश की, लाचारगी उस मा की जिसने अपने जिगर का टुकड़ा खो दिया लेकिन कितने संवेदनहीन हैं हम और आप जो हामारी बेचारगी का मज़ाक बनते हुए लाइव देख रहे हैं ,शर्म है ऐसे सिस्टम पर गिरते हुए मानव मूल्यों पर ,ज़रा सोचिए एक महिला एंकर का शोर आईसीयू के अंदर जहां ख़ामोशी ज़रूरी होती है आप इसे क्या कहेंगे ?

यहां आपको एक बात और बता दूं यदि सरकारी डॉक्टर जो लोकसेवक होता है अगर आप उसके काम में बाधा डाल रहे हैं तो भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 186 के अनुसार लोकसेवक के लोक कृत्यों के निर्वहन में बाधा डालने पर 3 महीने की जेल या 500 रुपए का जुर्माना या फिर दोनों से दण्डित किया जा सकता है ।
अब आईसीयू में पत्रकारों का डॉक्टर से उलझना देखिए हालांकि यहां बहुत गंभीर हालत में मरीज़ लाया जाता है शोर बिल्कुल मना है मगर हमारी दादागिरी है आप देखिए हम डॉक्टर को कैसे आपके लिए डांट पिलाते हैं और उसे इलाज की जगह अपने सवाल जवाब देने पर मजबूर करते हैं ऐसा यूंही बता दिया आपसे क्या ?
आखिर मीडिया अगर इतना ही चिंतित है तो सत्ताधीशों से सवाल करने क्यों नहीं जाता आखिर अस्पताल में यूंही स्थिति अच्छी नहीं है वहां काम में बाधा डालने क्यों पहुंचा है कितने बेशर्म हैं यह जो एक बाप से उस वक़्त सवाल करते हैं जब उसके आंगन का चिराग मृत्यु शय्या पर है और किसी भी समय मनहूस खबर आ सकती है मगर हम सब आंखे टिकाए हैं चैनल पर क्या हम गुनहगार नहीं ?


सोचिए हम क्यों अब विचलित हैं जब हमने मंदिर, मस्जिद ,हिन्दू,मुस्लिम और घुस कर मारने जैसी बातों पर वोट दिया है जातीय आधार पर वोट दिया है तो शिक्षा स्वास्थ्य क्यों मांग रहे हैं ? यह ऐसे ही पूछ लिया आप इस पर गंभीर मत होइएगा क्योंकि आपकी ऐसी आदत नहीं है कि किसी बात को ज़्यादा दिन तक याद कर सके। गरीब मर रहे हैं मरने दीजिए हम लाइव मौतों का रोमांच देखें और मिलकर नारा लगाएं जय श्रीराम ,अल्लाहु अकबर।

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