24 जनवरी 2023 नई दिल्ली ,
ऑल इण्डिया उलमा व मशाइख बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम वर्ल्ड सूफी फोरम के चेयरमैन हज़रत सैय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने स्वीडन में तुर्की दूतावास के सामने शुक्रवार को एक दक्षिणपंथी पार्टी के नेता रास्मस पालुदा द्वारा शुक्रवार को पुलिस के सामने क़ुरान पाक को जलाने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह नफरत के सौदागर ऐसा करके मुसलमानों का सब्र आज़मा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह लोग इंसान नहीं हैवान है,दरअसल दुनिया को अब असली आतंकवादियों को पहचान लेना चाहिए ,आतंक का न कोई मजहब होता है न कोई पहनावा या वेशभूषा आतंक एक घिनौना विचार है जिसका परिणाम मानवता की तबाही है।
हज़रत ने स्वीडिश आतंकी के घिनौने कृत की घोर निन्दा करते हुए स्वीडिश सरकार के खिलाफ गहरे गुस्से का इजहार किया उन्होंने कहा जिस तरह इस घिनौने काम को करने के लिए वहां की पुलिस ने इजाजत दी और दर्शकों की तरह देखती रही इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है। अब इसमें कोई शक नहीं की दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाएं इससे आहत हुई हैं और उनमें गम और गुस्सा दोनो है और इसी का फायदा यह आतंकी उठाना चाहते हैं कि मुसलमान गुस्से में कोई गलत हरकत कर बैठे और इन्हें मुसलमानों को बदनाम करने का मौका मिल जाए ।
मुसलमानों को अपने गुस्से पर काबू रखते हुए ऐसे लोगों को वैसे ही जवाब देना है जैसे हमारे नबी ने हमें तालीम दी है यानी कुरान की बातों पर अमल करके उसकी शिक्षाओं को अपनी जिंदगी में उतार कर ,हमें समझना होगा कि कुरान में अल्लाह ने सुरः अल हिज्र की आयत नंबर 9 में फरमाया कि “बेशक हमने ही इस ज़िक्र को नाजिल किया और हम ही इसकी हिफाज़त करने वाले हैं”लिहाज़ा यह सब चाह कर भी कुरान को नहीं मिटा सकते यह हमारा यकीन है लेकिन हम किसी को इसकी बेहुरमती की भी हरगिज इजाजत नहीं दे सकते ।
हज़रत ने कहा कि हमारी भारत सरकार से मांग है कि वह फौरन स्वीडन के राजदूत को बुलाकर भारतीय मुसलमानों की भावनाओं से अवगत कराए और स्वीडन की सरकार से फौरन इस आतंकी को गिरफ्तार कर कड़ी सज़ा देने की मांग करे साथ ही स्वीडन सरकार भी इस मामले में माफी मांगे और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक स्वीडन से भारत सभी राजनायिक संबध तोड़ ले।

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